MP school education department Tender : मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग ने बहुचर्चित ERP योजना के टेंडर को निरस्त कर दिया है।सीएम राईज सहित कई स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए जाने वाले इस टेंडर में अनियमितताओं की व्यापक शिकायतें की गई थी जिसके बाद में EOW ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद हड़बड़ाये विभाग ने आनन-फानन में इसे निरस्त करने का निर्णय लिया है।
सीएम राइस स्कूल समेत विभिन्न योजनाओं के लिए पास हुआ था टेंडर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी सीएम राईज स्कूल योजना सहित कई स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए स्कूली शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय ने सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट के माध्यम से नियंत्रण रखने की योजना बनाई थी। इसके लिए विभाग ERP सॉफ्टवेयर लगा रहा था जो इस कार्य को संपादित कर पाता। बीस करोङ रु की लागत से इस योजना के तहत जब टेंडर आमंत्रित किए गए तो 19 कंपनियों को इस कार्य के लिए उपयुक्त पाते हुए तकनीकी मूल्यांकन तक पहुंचाया गया। जबकि अधिकांश कंपनियों के दस्तावेजों में कमी होने के कारण वे सक्षम नहीं थी।इतना ही नहीं, तकनीकी मूल्यांकन में भी आठ कंपनियां योग्य घोषित की गई जबकि इन कंपनियों में से कईयों ने अपने दस्तावेज फर्जी लगाए थे।
ईओडब्ल्यू में हुई थी शिकायत
इस मामले की शिकायत प्रतिद्वंदी कंपनियों की ओर से विभाग को की गई और उसके साथ-साथ ईओडब्ल्यू में भी इसकी शिकायत की गई।ईओडब्ल्यू ने इस मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी। सूत्रों की मानें तो जांच शुरू होते ही स्कूली शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और विभाग ने खुद को बचाने के लिए इन सभी आठ कंपनियों से शपथ पत्र मांगे जबकि नियमानुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं रहता। जब इनमें से कुछ कंपनियां शपथ पत्र देने में असमर्थ रहीं तो पूरे टेंडर को ही निरस्त कर दिया गया।
हैरत की बात यह है कि मध्य प्रदेश में ई टेंडर जैसा बड़ा घोटाला होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों का दुस्साहस इस कदर है कि वह इस तरह की गड़बड़ी बार-बार करने से नहीं चूकते। अब इस मामले में क्योंकि सीएम राईज स्कूल का मैनेजमेंट मामला भी जुड़ा हुआ था इसीलिए विभाग के साथ-साथ सरकार की भी जमकर किरकिरी हुई है।