भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में लंबे समय से कोरोना और लॉकडाउन के कारण कई निजी मप्र स्कूलों (mp school) को शिक्षण शुल्क नहीं (tuition fees) मिल पाया। जिसके बाद अभी स्कूल संचालकों द्वारा स्कूलों को बंद करने की की बात कही जा रही है। ऐसी स्थिति में प्राइवेट स्कूल भी राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं।
दरअसल प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा स्कूलों के बंद रहने के बावजूद शिक्षकों को वेतन मुहैया कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही बाकी अन्य मदों पर भी खर्च की जा रही है। वहीं फीस (fees) नहीं मिलने के कारण निजी स्कूलों की हालत खस्ता हो चली है। जिसके बाद राज्य सरकार से राहत राशि की मांग की गई है। इस मामले में कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
Read More: निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं का झलका दर्द, जारी किया सन्देश
अपने लिखे पत्र में ज्ञानचंदानी ने कहा है कि कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा पालकों से कहा जा रहा है कि स्कूल फीस जमा ना करे। वही स्कूल संचालकों से कहा जा रहा है कि शिक्षकों का वेतन मिलते रहे। ऐसी स्थिति में निजी स्कूल आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। सरकार को निजी स्कूलों की सहायता के लिए राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। जिससे बच्चों के पढ़ाई भी उचित तरीके से चल सके। साथ ही शिक्षकों को भी पूरे वेतन का भुगतान हो सके।
इस मामले में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है की सरकार को निजी स्कूलों को राहत राशि देनी चाहिए। इसके अलावा कम से कम बिजली बिल और संपत्ति कर माफ कर देना चाहिए क्योंकि कई बार पालकों द्वारा स्कूल फीस जमा नहीं कराई जाती है। जबकि नगर निगम की ओर से स्कूलों पर भारी भरकम टैक्स लगाए जाते हैं। ऐसे में कई निजी स्कूल अब बंद होने की स्थिति का सामना कर रहे हैं।