सामने वाला क्या सोच रहा है? ये 5 दिमाग़ पढ़ने वाली ट्रिक्स आपको बना देंगी माइंड-रीडर!

Mind Reading Tricks: क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि सामने वाला कुछ छिपा रहा है या उसकी बातों और हाव-भाव में अंतर है? अगर हां, तो माइंड-रीडिंग की कुछ आसान साइकोलॉजिकल ट्रिक्स आपकी मदद कर सकती हैं।

Mind Reading Tricks: अक्सर लोगों को यह जानने में उत्सुकता रहती है कि सामने वाला उनके बारे में क्या सोचता है। लेकिन बिना बोले और बिना सवाल जवाब किए यह कैसे जाना जा सकता है? इसके लिए आपको कोई जादू सीखने की आवश्यकता नहीं है, बस आपको कुछ साइकोलॉजिकल ट्रिक्स सीखने की ज़रूरत है। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आख़िर कैसे, हम आसानी से साइकोलॉजिकल ट्रिक सीखें।

दरअसल, हमारी बॉडी लैंग्वेज, हाव भाव और शारीरिक इशारे बहुत कुछ बयां कर सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आप कैसी है कुछ बेसिक साइकोलॉजिकल ट्रिक्स की मदद से यह जान सकते हैं कि सामने वाला था सोच रहा है और उसके मन में क्या चल रहा है?

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दिमाग़ पढ़ने की ये 5 ट्रिक्स कर देंगी कमाल

मीटिंग में हाथ उठाने का तरीका क्या कहता है?

मीटिंग के दौरान हाथ उठाने का तरीक़ा बहुत कुछ बयां करता है। अगर कोई पूरा हाथ पर उठाए तो इसका मतलब है कि उसे अपने जवाब पर पूरा भरोसा है। अगर कोई हेड लेवल से नीचे हाथ उठाएँ, तो इससे यह समझ आता है कि वह अपने जवाब को लेकर कन्फ्यूज़ है और इनसिक्योर महसूस कर रहा है।

बॉडी लैंग्वेज मिररिंग से बनेगा बेहतर कनेक्शन

सामने वाले को समझने के लिए उसकी बॉडी लैंग्वेज और हाव भाव को देखना बहुत ज़रूरी है। आप चाहें तो उन्हें इस टाइप करके भी देख सकते हैं, ऐसा करने से वह सहज महसूस करेगा खुलकर बात कर पाएगा। ऐसा माना जाता है कि एक्शन रिप्लीकेट केट करने से सामने वाले से कनेक्शन बनाना आसान हो जाता है।

एक्सप्रेशन से पकड़ें सच और झूठ

अगर आप ऐसा लग रहा है कि सामने वाला आपसे कुछ छिपा रहा है तो तुक्का लगाना एक अच्छा तरीक़ा हो सकता है, जैसे की आपको जिस भी बात पर श़क हो रहा है आप उस बात को मज़ाकिया अंदाज़ में अपने दोस्त से कह सकते हैं, जैसे ही आप यह बात कहेंगे उसका एक्सप्रेशन बदल जाएगा, इससे आपको पता चल जाएगा कि क्या सच है और क्या झूठ है, और वह ख़ुद बोलने पर मजबूर हो जाएगा।

आँखें बताएंगी मुस्कान असली है या नकली

आजकल झूठी मुस्कुराहट बेहद आम हो चुकी है, हर कोई झूठी मुस्कुराहट देती नज़र आता है, ऐसे में पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर आपको यह जानना है, कि सामने वाला झूठी मुस्कुराहट दे रहा है या फिर असली, तो इस बात का ध्यान रखें कि असली मुस्कुराहट में आँखों के पास झुर्रियां नज़र आती है, वहीं झूठी मुस्कुराहट में सिर्फ़ हो हिलते हुए नज़र आते हैं आँखें नहीं मुस्कुराती है।

चलने का तरीका बताएगा

अगर अचानक किसी की चलने फिरने में बदलाव नज़र आए या सिर झुकाकर चले, तो यह आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है। अगर आपके आस पास है तो आप, उससे सवाल पूछ सकते हैं, और उसका सपोर्ट कर सकते हैं।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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