MP School: मप्र में इस दिन से खुलेंगे स्कूल, कक्षा में प्रवेश के ये होंगे नियम

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना केसों (corona cases) में लगातार कमी देखी जा रही है। जिसके बाद प्रदेश में MP School 26 जुलाई से खोल दिए जाएंगे। स्कूल खुलते ही सबसे पहले 11वीं और 12वीं की क्लास शुरू की जाएगी। बता दे कि स्कूल खोलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने सहमति दी है।

दरअसल 26 जुलाई से मध्य प्रदेश में स्कूल खुलेंगे। हालांकि बच्चों को MP School जाने से पहले अभिभावकों की अनुमति लेनी आवश्यक होगी। 11वीं और 12वीं की कक्षा संचालित होने के बाद अभिभावकों को बच्चों की पूरी फीस स्कूलों को अदा करनी होगी। बता दें कि फिलहाल ऑनलाइन क्लास चलने के कारण अभिभावकों की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि प्रदेश में स्कूल अभी बंद है। इसलिए स्कूल संचालक से ट्यूशन फीस (tuition fees) की वसूली कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन क्लास (offline class) (inder singh parmar) शुरू होने के बाद स्कूल संचालक को इसमें छूट मिल जाएगी और फिर स्कूल संचालकों के द्वारा पूरी फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया जाएगा।

MP School खोलने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षा का संचालन किया जाएगा। इसके बाद छोटे क्लास के बच्चों के स्कूल खोले जाएंगे। वहीं 26 जुलाई को स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इसमें 50% से ज्यादा क्षमता के बच्चे को नहीं बुलाया जा सकेगा।

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स्कूलों में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा

  • जिसके अनुसार किसी भी स्थिति में क्लास में 50% से ज्यादा बच्चे मौजूद नहीं रहेंगे।
  • इसके अलावा सप्ताह में एक दिन छोटे-छोटे ग्रुप में क्लास लगाई जाएगी।
  • बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी।
  • सभी शिक्षक और कर्मचारी का 100% वैक्सीनेशन अनिवार्य होगा।
  • Vaccine नहीं लगवाने वाले शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे।
  • साथ ही बच्चे तबीयत खराब होने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाया जाएगा।
  • साथ ही अभिभावकों को सूचना देना अनिवार्य होगा।

10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित 

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बुधवार को 10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए। सभी 9 लाख 14 हज़ार 069 छात्र-छात्राओं को बगैर परीक्षा के पास किया गया है। बच्चों के रिजल्ट का मूल्यांकन अर्धवार्षिक परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन या फिर प्री बोर्ड के नंबर के आधार पर किया गया है। घोषित रिजल्ट के मुताबिक 3 लाख 56 हज़ार 582 फर्स्ट डिवीजन जबकि 3 लाख 57 हज़ार 626 बच्चे सेकंड डिवीजन और एक लाख 59 हज़ार 871 बच्चे ने थर्ड डिवीजन से परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके साथ ही 8865 बच्चे ऐसे थे। जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं।

परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं तो करें ये काम 

अगर कोई छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो उसके लिए सितंबर महीने में विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। छात्र चाहे तो कुछ विषयों की अथवा सभी विषयों की परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए छात्रों को 1 से 10 अगस्त के बीच एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर registration करना अनिवार्य होगा। ऐसे परीक्षार्थी का रिजल्ट परीक्षा के आधार पर ही मान्य किया जाएगा।


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