भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में शासकीय विद्यालयों (MP School) की शिक्षा व्यवस्था (education system) को सुधार करने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) ने एक बड़ा निर्णय लिया है। जिस पर उचित कार्य शैली अपनाई जा रही है। दरअसल प्रदेश के शासकीय स्कूल (government school) के बच्चे भी अब प्राइवेट स्कूलों (privte school) के योग्य और विशिष्ट विषयों का ज्ञान रखने वाले शिक्षकों के साथ पढ़ाई कर सकेंगे। दरअसल शिवराज सरकार की पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत शासकीय स्कूल के बच्चों को भी प्राइवेट स्कूल के योग्य टीचर से पढ़ने का मौका मिलेगा।
इसके लिए प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों की गतिविधियों के हिसाब से क्लस्टर (Cluster) तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही इन क्लस्टर में शामिल प्राइवेट शिक्षक अपने नजदीक के शासकीय विद्यालय में सप्ताह में, 15 दिनों में, अपनी मर्जी के मुताबिक बच्चों को पढ़ा पाएंगे। वहीँ इस व्यवस्था में राजधानी सहित अन्य क्षेत्रों में सबसे पहले उन शासकीय स्कूलों को चुना जाएगा। जिनमें विषयवार शिक्षकों की कमी है।
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इस योजना को अगले शिक्षण सत्र से प्रदेश में लागू किया जाएगा। बता दें कि इस मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (viswas sarang) का कहना है कि प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग (education department) से बातचीत की जा रही है। इसके साथ ही जल्द पूरी योजना को भोपाल से लेकर प्रदेशभर में क्रियान्वित करने का प्लान तैयार किया जाएगा।
बता दे कि प्राइवेट स्कूल के जो शिक्षक इस योजना के तहत शासकीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे तथा अन्य सांस्कृतिक और गतिविधि कार्यों में हिस्सेदारी लेंगे। उन्हें शिवराज सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं के माध्यम से प्रोजेक्ट में योगदान देने का मौका भी दिया जाएगा। इस योजना की शुरुआत चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की टीम द्वारा की गई थी। जहां सांस्कृतिक प्रस्तुति देने शासकीय स्कूल आने वाले प्राइवेट टीचर को देखकर यह विकल्प निकाला गया कि अन्य कठिन विषय को समझाने के लिए भी शासकीय स्कूल में प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों का उपयोग किया जा सकता है।