भोपाल। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को जिम्मेदारी सौंपी है। राहुल के इस्तीफे के बाद से मध्य प्रदेश की सियासत पर भी असर पड़ा है। पीसीसी चीफ को लेकर चल रही कवायद को भी धक्का लगा है। सूत्रों का कहना है कि पीसीसी चीफ की रेस में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछड़ सकते हैं। वह राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं।
राहुल के इस्तीफा देने से सिंधिया का कमज़ोर होना माना जा रहा है। वर्तमान कैबिनेट में सिंधिया खेमे के 7 मंत्री शामिल हैं। सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने की मांग लगातार की जा रही है। कई मंत्रियों ने खुलकर उनका नाम लेकर चिट्ठी भी लिखी है। लेकिन अब राहुल के इस्तीफा देने के बाद उनका नाम इस रेस में पिछड़ सकता है। सिंधिया के अलावा मंत्री जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और ओमकार सिंह मरकाम भी सीधे तौर पर राहुल से जुड़े हैं। पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन भी राहुल से सीधे संपर्क में रहती हैं। ऐसा माना जा रहा है अब इन सबका दबदबा कम हो सकता है।
दूसरी ओर राहुल के इस्तीफे का सीधा लाभ मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिलता दिख रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि पार्टी में अब वरिष्ठ नेताओं को अधिक महत्व दिया ज���एगा। ऐसे में नाथ भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। अब वह अपने फैसले पहले के मुकाबले कहीं अधिक खुल कर ले सकेंगे। दिग्विजय सिंह भी पार्टी में साइडलाइन चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि अजय सिंह अब पीसीसी चीफ के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। राजनीति के पंडितों का कहना है कि सिंह के पीसीसी चीफ बनने से नाथ को भी लाभ मिलेगा।