National Girl Child Day : लड़कियों के लिए समान अवसर और अधिकार, राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

हमारे देश में बालिकाओं को लंबे समय से लैंगिक असमानता, भेदभाव और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व इसलिए भी है कि ये दिन न सिर्फ लड़कियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने का प्रयास करता है, बल्कि उनके शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर भी बल देता है। आज स्कूलों, कॉलेजों और समाजिक संस्थाओं में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जहां बालिकाओं के कानूनी और सामाजिक अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रसार किया जाता है।

Shruty Kushwaha
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National Girl Child Day : आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। भारत में हर साल 24 जनवरी को ये दिन बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मनाया है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व इसलिए भी है क्योंकि समाज में बालिकाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करता है। यह दिन बालिकाओं को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने, उन्हें सशक्त बनाने और समाज में उनके योगदान को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है।

आज के दिन सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंगलकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बेटियां परिवार, समाज एवं देश की समृद्धि का मुख्य आधार हैं, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व आत्मनिर्भरता में सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। बेटियां सशक्त होंगी तो समाज और देश तीव्र गति के साथ प्रगति करेंगे।’

राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसे वर्ष 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में बालिकाओं के प्रति हो रहे भेदभाव और असमानता के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना, उनके अधिकारों को बढ़ावा देना और उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है। इस तारीख का ऐतिहासिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य

  • लैंगिक असमानता के प्रति जागरूकता : समाज में बालिकाओं के साथ होने वाली असमानताओं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल विवाह, भेदभाव और हिंसा के प्रति लोगों को जागरूक करना।
  • बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण : बालिकाओं के कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार : बालिकाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण में समान अवसर सुनिश्चित करना।
  • समाज में सकारात्मक बदलाव : इस दिन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि लड़कियों को सशक्त बनाने से न सिर्फ उनका विकास होगा, बल्कि पूरे समाज की प्रगति होगी।
  • सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार : इस दिन, सरकार लड़कियों के विकास और सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियानों जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना और अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाती है।

इस दिन का महत्व

राष्ट्रीय बालिका दिवस हमें याद दिलाता है कि बेटियों का सम्मान और सशक्तिकरण न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए आवश्यक है। यह दिन हर व्यक्ति को ये बात सोचने का अवसर देता है कि समाज में बेटियों को कैसे समान अवसर दिए जाएं और उनके अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए। हमें याद रहे कि बालिकाओं को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। आज स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संस्थाओं में कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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