Bank Strike : इस तारीख से बैंक की देशव्यापी हड़ताल, जल्द निपटा लें जरुरी काम

Pooja Khodani
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bank strike 2022

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दिवाली के बाद अगर आपका बैंक (Bank) से जुड़ा कोई काम अधूरा रह गया है तो उसे तुरंत निपटा लें। क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) की 26 नवंबर से राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल (Bank Strike) में शामिल होने का ऐलान किया है।

हड़ताल का आह्वान केंद्र सरकार की श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है। भारतीय मजदूर संघ (Indian labor union) को छोड़कर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की है।इसके अलावा 28 नवंबर (November) को चौथा शनिवार, 29 नवंबर को रविवार और फिर 30 नवंबर को गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के चलते अवकाश रहेगा। जिसकी वजह से देशभर के बैंक में कामकाज नहीं होगा।

बैंक बंद रहने पर आपको कैश निकालने, जमा करने, चेक डिपॉजिट करने, बैंक से जुड़े कामों के लिए इंतजार करना होगा। वहीं एटीएम में कैश खत्म हो सकती है। महिला की आखरी तारीख  के चलते पहले से ही कैश की डिमांड ज्यादा होगी, ऐसे में बैंकों के बंद रहने पर उनका काम भी डिस्टर्ब रहेगा।इन छुट्टियों को देखते हुए आप समय पर अपना काम निपटा ले, वरना आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

गौरतलब है किएआईबीईए भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को छोड़कर ज्यादातर बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों में विभिन्न सार्वजनिक और पुराने निजी क्षेत्र के बैंकों तथा कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी हैं। देश भर में कार्यरत करोडों श्रमिकों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख 10 श्रम संघों के साझा मंच की केन्द्र सरकार की कथित जन विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाई गयी देशव्यापी हड़ताल में बैंकिग उद्योग भी शामिल होगा। मौजूदा समय में सभी राज्यों में एक या अधिक ग्रामीण बैंक है , जिनकी कुल संख्या 43 है। लगभग 21 हजार शाखाओं एक लाख अधिकारी और सभी प्रकार के कर्मचारी काम कर रहे है। इनमें दैनिक और अंशकालिक कर्मचारियों की भी बडी संख्या है।

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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