भोपाल| मध्य प्रदेश के लिए खतरे की घंटी है, प्रदेश में नक्सली मूवमेंट बढ़ रहा है| नक्सल प्रभावित तीन जिलों बालाघाट, मंडला व डिंडोरी के बाद नक्सलियों के नए सिरे से संगठित होने की आशंका बढ़ी है। वहीं बालाघाट के लांजी थाना के देवरबेली चौकी क्षेत्र के पुजारी टोला इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ में दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया है। एक दिन पहले ही राजधानी भोपाल में उत्तप्रदेश एटीएस की टीम ने कार्रवाई कर नक्सली गतिविधियों में शामिल होने की आशंका के चलते एक दम्पति को गिरफ्तार किया है, जिसे टीम अपने साथ लखनऊ ले गई है| वहीं मप्र पुलिस के इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि राजधानी से नक्सली पकडे जा रहे हैं और प्रदेश की पुलिस बेखबर है| वहीं राज्य के डीजीपी वी के सिंह का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, प्रदेश में नक्सल कनेक्शन का खुलासा पहले भी होता रहा है|
जानकारी के मुताबिक बालाघाट के लांजी थाना इलाके के देवरबेली चौकी क्षेत्र के पुजारी टोला इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ में दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए नक्सलियों में एक महिला और एक पुरुष नक्सली शामिल है। पुरुष नक्सली का नाम मंगेश बताया जा रहा है, इन दोनों पर ही पुलिस ने इनाम रखा था। पुलिस की नक्सलियों ने देर रात मुठभेड़ हुई थी।
छत्तीसगढ़ में लगातार सख्ती के बाद नक्सली मध्य प्रदेश में सुरक्षित ठिकानों की तलाश में है और प्रदेश को अपना अड्डा बनाने की फ़िराक में है| यहां भले ही कोई बड़ी नक्सली वारदात को अंजाम नहीं दिया जाता हो, लेकिन नक्सली प्रदेश को अपना सुरक्षित ठिकाना मानते हैं| यही नहीं, पह यहां बैठकर आसानी से नक्सली गतिविधियों से जुड़ी रणनीति को तैयार करते हैं| भोपाल से संदिग्ध नक्सली दंपति की गिरफ्तारी ने सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है. इससे पहले भी राजधानी में नक्सलियों के हथियारों की फैक्टरी का खुलासा हो चुका है| भोपाल से पकड़े गए संदिग्ध नक्सली दंपति पिछले पांच सालों से शाहपुरा इलाके में रहकर नक्सली गतिविधियों से जुड़ा था| यूपी एटीएस ने मनीष श्रीवास्तव और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर उनके पास से 6 फर्जी वोटर आईडी, 4 फर्जी आधार कार्ड, 1 लाख 10 नकद, 3 लैपटॉप, 18 सिम कार्ड, 7 नेटशटर बरामद किए हैं. एक एसबीआई ब्रांच में खोले गए फर्जी खाते की जानकारी मिली है|
पुलिस का इंटेलिजेंस फेल
दंपतियों पर आरोप था वह नक्सली गतिविधि में संलिप्त हैं| सूत्रों के हवाले से खबर है कि भोपाल में पहचान छिपकर रह रहे यह दम्पति नक्सलियों के लिए फंडिंग करते थे| उन्होंने फर्जी बैंक अकाउंट भी बनवाया था| राजधानी भोपाल को हर मामले में सबसे सुरक्षित माना जाता है क्यूंकि यह मुख्यालय है लेकिन पडोसी राज्य की कार्रवाई से सुरक्षा की पोल खुली है, भोपाल में पकड़े जाने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं| जबकि डीजीपी का कहना है, प्रदेश में नक्सल कनेक्शन का खुलासा पहले भी होता रहा है| भोपाल में अब जो दंपति पकड़े गए हैं उनसे पूछताछ के बाद जांच आगे बढ़ेंगी|