भोपाल। नए साल के साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) के अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड करने के लिए पद तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को उम्मीद है कि उन्हें भी तय मापदंडों के हिसाब से पद मिल जाएंगे। समान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव कार्मिक, सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश शासन, को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश में विभिन्न विभागों के ऐसे योग्य अधिकारी, जो राज्य प्रशासनिक सेवा के नहीं है, उन्हें भी नियमानुसार आई.ए.एस. अवार्ड किए जाने की कार्यवाही की जाये।
मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि पूर्व में ऐसे अधिकारियों को आई.ए.एस. अवार्ड किया जाता था, परंतु गत वर्षो में लंबे समय से यह बंद कर दिया गया। योग्य अधिकारियों को आईएएस अवार्ड होने से कार्य के प्रति उनमें समर्पण बढ़ता है तथा अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। विभिन्न 53 विभागों में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के 200 ऐसे अधिकारी चिन्हित किए गए हैं, जो कि आईएएस बनने के योग्य हैं, फिर भी लंबे समय से उन्हें आईएएस बनने का मौका नहीं मिल रहा है। जबकि नियमानुसार राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों के 33.3% पदों में से 15% पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस अवार्ड करने के लिए लिए होते हैं।
नियम तो हैं- लेकिन नाॅन एसएएस के पद बनाते वक्त पालन नहीं होता
मप्र में आईएएस अधिकारियों का मंजूर कैडर 439 पदों का है। इसमें से 309 सीधी भर्ती और 133 प्रमोटी पदों का है। डायरेक्ट रिक्रूटमेंट कैडर का 28.3 से 33.3% तक पद एसएएस अफसरों के लिए होता है और इसका 15% नाॅन एसएएस के लिए है, लेकिन नाॅन एसएएस के पद बनाते समय इसका पालन नहीं होता। आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों में लगातार पद मिल रहे हैं। आईएएस भर्ती नियम 4 भी कहता है कि नाॅन एसएएस अधिकारी यदि 8 वर्ष से डिप्टी कलेक्टर के समकक्ष पद पर काम कर रहा है तो वह आईएएस अवॉर्ड के लिए पात्र होगा। नियम 8 में आईएएस में पदोन्नति एवं चयन के प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है।