भोपाल।
मध्यप्रदेश(madhya pradesh) की सियासी उठापटक के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसके मुताबिक बेंगलुरु(bengaluru) गए कांग्रेसी विधायक कल भोपाल(bhopal) आ सकते हैं। विधायक के कल दिन में भोपाल पहुंचने की संभावना है। इससे पहले कांग्रेसी विधायक शुक्रवार को भोपाल आने वाले थे किन्तु फिर अचानक वो बेंगलुरु एयरपोर्ट(airport) से रिसोर्ट(resort) वापस चले गए थे। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी(bjp) प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल(governer) के समक्ष सौंपे ज्ञापन में कमलनाथ सरकार को बजट सत्र के पहले ही दिन बहुमत साबित करने की मांग की है। जैसे ही उम्मीद लगाई जा रही है कि कल बंगलुरु से कांग्रेस(congress) से विधायक वापस आ सकते हैं क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो कमलनाथ सरकार(kamalnath government) फ्लोर टेस्ट को भी कैंसिल कर देगी।
गौरतलब हो कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सूचना जारी करते हुए कांग्रेस विधायकों को प्रत्यक्ष रूप से विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपने इस्तीफा देने के लिए बुलावा भेजा था। जिसने 6 विधायकों को शुक्रवार को, 7 विधायकों को शनिवार को और बाकी 9 विधायकों को रविवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति(n p prajapati) के सामने अपना इस्तीफा सौंपना था। शुक्रवार को विधायक भोपाल आने भी वाले थे किंतु अचानक से वे लोग बेंगलुरु एयरपोर्ट से वापस रिसॉर्ट को लौट गए थे। जिसके बाद शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ने सभी बागी विधायकों को दोबारा नोटिस जारी किया है। जिनमें उन्हें 15 मार्च तक उनके समक्ष पेश होने को कहा गया है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह(govind singh) का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विधायकों के इस्तीफे की जांच पड़ताल होगी। अगर विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया होगा तो सभी के इस्तीफ़े निरस्त कर दिए जाएंगे। अब ऐसी स्थिति में विधायकों का भोपाल आना आवश्यक हो गया है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट को भी कैंसिल कर देगी।
इधर दूसरी तरफ बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chouhan) ने कहा है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसी स्थिति में सरकार कोई सत्र किस तरह बुला सकती है। कमलनाथ सरकार को पहले बहुमत साबित करना चाहिए। बजट सत्र(budget session) और राज्यपाल के अभिभाषण के पूर्व फ्लोर टेस्ट(floor test) होना चाहिए। वहीं उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि सरकार विधायकों को प्रलोभन दे रही है। उनपर दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए राज्यपाल से अनुच्छेद 175(2) के शक्तियों की मांग भी बीजेपी मंत्रिमंडल ने की है।