भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद मंत्रियों के विवादित बयानों की भी झड़ी लगी है। इसमें सबसे आगे लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा हैं। वह किसी न किसी मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधने के साथ ही विवादास्पद बयान देकर मीडिया में बने रहते हैं। राज्य सरकार अभी तक अफसरों की जमावट को लेकर असमंजस में नजर आ रही है। तबादलों को लेकर जब मीडिया ने मंत्री से उनकी राय लेनी चाही तो उन्होंने प्रदेश के 15000 अफसरों को भ्रष्ट बता दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 हजार कर्मचारी और अफसर भ्रष्ट हैं। इसलिए उनका तबादला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को हटाने के लिए तबादले किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेता अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो ईमानदार और कामकाजी अफसरोंं हैं उन्हें बीजेपी ने लूप लाइन में डाल रखा था। जबकि, भ्रष्टों को मलाईदार पदों पर पोस्टिंग दी गई थी। लेकिन मंत्री वर्मा ने इस सावल का जवाब नहीं दिया कि अधिकारियों का तबादला निरस्त क्योंं किया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना
वर्मा के आरोपों पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में तबादला कारोबार जोरों से चल रहा है। मंत्री वर्मा की टिप्पणी कर्मचारियो और अफसरोंं का अपमान है। कांग्रेस सरकार ने अबतक एक हजार से अधिक तबादले किए हैं। इनमें से कुछ को निरस्त भी किया गया है।
तबादलों पर विवाद के बीच राज्य सरकार, तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने पर अड़ी हुई है, ताकि मंत्री अपने स्तर पर सरकारी कर्मियों को स्थानांतरित कर सकें। जैसा कि वर्तमान में तबादलों पर प्रतिबंध है, उनके प्रस्ताव विभागों द्वारा समन्वय के लिए मुख्यमंत्री को भेजे जाते हैं।