संरक्षण का आवाहन मोदी ने किया, संरक्षण का संकल्प मोहन ने लिया, घर लाए पुंगनुर गाय का जोड़ा, गौ संरक्षण में साबित होगा यह प्रयास मील का पत्थर

मुख्यमंत्री मोहन यादव के घर पंगुनूर गाय का जोड़ा पहुंचा। पुंगनूर गाय विश्व की सबसे छोटी कूबड़ वाली मवेशी नस्ल है, जो इस समय विलुप्ति की कगार पर है।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
Mohan Yadav Punganur Cow

Mohan Yadav Punganur Cow : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के घर आज पंगुनूर गाय का जोड़ा आंध्र प्रदेश से पहुंचा। इसकी जानकारी मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पहले ट्विटर) पर दी है। सीएम यादव ने गाय का नाम ‘मीरा’ तो वहीं नंदी का नाम ‘गोपाल’ रखा है। इस जोड़े को लाने की वजह के पीछे उन्होंने पीएम मोदी की प्रेरणा को बताया। इतना ही नहीं उन्होंने गौ माता से प्रदेश वासियों पर अपनी कृपा बनाए रखने और कल्याण करने की भी प्रार्थना की।

सीएम यादव ने अपने पोस्ट में लिखा “आज अत्यंत शुभ दिन है, मंगल बेला है, जब सौभाग्य से निवास पर विशेष प्रजाति की पुंगनूर गाय और नंदी का आंध्र प्रदेश से आगमन हुआ है। गौमाता की सेवा से जीवन धन्य करना परम पुण्यदायक है। निवास पर गौमाता ‘मीरा’ और नंदी महाराज ‘गोपाल’ जी का हार्दिक स्वागत है।

निवास पर लक्ष्मी नामक गौमाता पहले से है। छोटे पैर और छोटे कद की पुंगनूर नस्ल की गाय विलुप्त होने की कगार पर थी, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से अब इस नस्ल की गाय के अब न सिर्फ आंध्र प्रदेश बल्कि देश के अन्य स्थानों पर भी संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं।

33 कोटि देवताओं को वास देने वाली गौमाता के चरणों में प्रार्थना है कि प्रदेशवासियों पर अपनी कृपा की वर्षा अनवरत बनाए रखें, सभी का कल्याण करें।

पीएम मोदी का हुआ मकर संक्रांति पर वीडियो वायरल

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मकर संक्रांति के दिन पुंगनूर गाय को दुलार करते हुए और चारा खिलाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। पीएम मोदी अक्सर अपनी रैलियों में भी पशुधन की बात करते हुए नज़र आते हैं। इतना ही उन्हें “गाय हमारी माता है और हमारे लिए पवित्र है” कहते हुए कई बार सुना जा सकता है। ऐसे में आंध्र प्रदेश की पुंगनूर नस्ल के साथ पीएम मोदी के इस वीडियो ने सबका ध्यान आकर्षित किया। मोदी की इस प्रेरणा के बाद ही सीएम मोहन यादव ने पुंगनूर नस्ल की गाय को पालने का निर्णय लिया।

क्यों खास है पुंगनूर गाय

आपको बता दें पुंगनूर गाय विश्व की सबसे छोटी कूबड़ वाली मवेशी नस्ल है, जो इस समय विलुप्ति की कगार पर है। इसका कद 80 से 100 सेंटीमीटर और वजन 200 किलो तक होता है। खान पान से वजन बढ़ाया भी जा सकता है। यह गए मूलतः आंध्र प्रदेश में पाई जाती हैं। माना जाता है कि पुंगनूर के दूध में प्रोटीन और कैल्शियम के साथ अन्य आवश्यक पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। दक्षिण भारत में यह गए स्टेटस सिंबल के रूप में भी देखी जाती है।

निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा इस नस्ल का लाया जाना बेहद ही प्रशंसनीय और सकारात्मक कदम है। यह ना केवल पुंगनूर नस्ल की गाय के संरक्षण में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा बल्कि यह भारतीय नस्ल की सभी गायों के संरक्षण में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News