इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश भर में भीषण महामारी बन चुके कोरोना के संक्रमण (Covid-19) को नियंत्रित करने के लिए इंदौर में अब शादियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पहला मौका है जब शादियों के सीजन के ऐन पहले जिला प्रशासन ने संक्रमण बढ़ने की आशंका के चलते शादियों और विवाह समारोह को प्रतिबंधित करना पड़ा है। ऐसा करने वाला इंदौर देश का पहला शहर बन गया है। तो वहीं इंदौर में शादी समारोह बैन का विरोध भी शुरू हो गया है। भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने इस बैन को हटाने की मांग की है। कांग्रेस विधायक विशाल पटेल ने भी जिला कलेक्टर मनीष सिंह से प्रोटोकॉल के साथ शादी समारोह करने का आग्रह किया है।
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भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने इंदौर में शादी समारोह पर बैन का विरोध करते हुए कहा कि फिर वहीं होली वाला टंटा शादी तो तयशुदा मुहर्त में होंगी। शादी समारोह में लोगों की संख्या सीमित की जा सकती है लेकिन मृत्यु के डर से लोगों की प्राणप्रतिष्ठा पर रोक अस्वीकार है। सहमत, सनातन धर्म के गंधर्व विवाह में इन सब का बहुत महत्व है, कई बार नाम और कुंडली में 2-2 साल तक मुहूर्त नही बन पाते हैं, मजबूरन राक्षसी विवाह करना होता है।
कांग्रेस विधायक विशाल पटेल ने कहा कि इंदौर कलेक्टर साहब के 30 अप्रैल तक कोई भी विवाह समारोह पर प्रतिबंध के पक्ष में हूं। विधायक ने कहा कि विवाह की तिथियां पहले से तय है। शहरवासियों को पांच से सात लोगों में आयोजन करने की अनुमति दें। बंदिशें लगाने की बजाय मापदण्ड तय करें। विधायक ने कलेक्टर से शादी समारोह के बैन पर पुनः विचार करने की बात कही है। साथ ही जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संकट को देखते हुए सादगी के साथ सभी नियमों का पालन करते हुए शादी की रस्में पूरी करें। इस आपदा के बाद धूमधाम से आयोजन किए जा सकेंगे।