खतरे में MP के हजारों डॉक्टरों का पंजीयन! 15 मई लास्ट डेट, मेडिकल काउंसिल जारी करेगा नोटिस

MBBS Without Biology

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।MP Health News. मध्य प्रदेश के हजारों निजी और सरकारी ड़ॉक्टरों के पंजीयन पर खतरे की तलवार लटक गई है।इसका कारण अबतक री-वेरिफिरेशन ना करवाना है। प्रदेश में 55 हजार डॉक्टर पंजीकृत है, जिसमें से अभी तक केवल 22 हजार डॉक्टरों ने ही री-वेरिफिकेशन करवाया है।इसकी लास्ट डेट 15 मई रखी गई है, इसके बाद मेडिकल काउंसिल इन सभी को नोटिस करेगा।

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दरअसल, बीते साल एलोपैथी डाक्टरों की संख्या पता करने के लिए मप्र मेडिकल काउंसिल द्वारा रजिस्टर में दर्ज एमबीबीएस और पीजी डिग्री, डिप्लोमा धारी डॉक्टरों के रिवेरिरी-वेरिफिकेशन केशन की प्रक्रिया शुरू की थी,लेकिन अभी केवल सिर्फ 22 हजार डाक्टरों ने ही पंजीयन कराया है।इसमें 18 हजार डाक्टरों ने पंजीयन कराया है और 4 हजार करीब 2019 के बाद पंजीयन कराने वाले डॉक्टर्स इसमें शामिल है। जबकी मप्र मेडिकल काउंसिल में 55 हजार डाक्टर पंजीकृत हैं।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)