भोपाल। विधानसभा में मिली हार के बाद संघ और बीजेपी अब लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव में 2014 जैसा प्रदर्शन दौहराने के लिए संघ ने एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। संघ की ओर से बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं को इस बात के संकेत दिए गए हैं कि वह अब युवाओं को मौका देने के लिए रास्ता छोड़ें। जब ऐसा होगा तो भाजपा की युवा ब्रिगेड लोकसभा चुनाव में खुद को झोंक देगी। और नतीजे हैरान करने वाले होंगे। हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले ये फॉर्मूला पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी कैबिनट में लागू कर चुके। उन्होंने उम्र का बैरियर लगाकर बाबूलाल गौर, सरताज सिंह से मंत्री पद वापस ले लिया था।
लोकसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व का मकसद है युवा चेहरों को आगे लाना। अभी तक बीजेपी के पास भी लोकसभा चुनाव के लिए कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं है। विधानसभा चुनाव में भी कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था। जिससे जनता पर गलत संदेश गया है। पार्टी की छवि भी प्रभावित हुई है। लेकिन अब बीजेपी और संघ ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते जिससे उसे लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचे। देश भर में करीब 15 करोड़ वोटर युवा हैं। बात एमपी की करें तो ये संख्या एक 18-19 वर्ष के वोटर की संख्या 15,78,167– जो 3.13 फीसदी हुए। वहीं, 20-29- वर्ष के वोटरोंं की संख्या -1,37,83,383 जो 27.38 फीसदी हैं।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने युवा मोर्चों के जरिए ‘पहला वोट मोदी को’ अभियान देश भर में छेड़ रखा है और इसकी रिपोर्ट हर रोज आलाकमान को भेजी जाती है. बीजेपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष पूनम महाजन तो खुद मुंबई से सांसद हैं और इन युवाओं के लिए आवाज भी उठा रही हैं।
सरसंघचालक मोहन भागवत खुद मध्यप्रदेश में डेरा डाले हुए हैं और तमाम क्षेत्रों को प्रचारकों और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने का दौर जारी है। संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक भी ग्वालियर में होगी. संघ ने भी नए और युवा चेहरे उतारने के संकेत दिए हैं। गुजरात के बाद मध्यप्रदेश को ही संघ की दूसरी प्रयोगशाला कहा जाता रहा है और शायद वो वक्त आ गया है कि अगली पीढ़ी धीरे-धीरे सामने आए। ताकि 2024 में नई टीम बने तो अनुभव और युवा जोश में कमी न रहे और संकेत हैं कि ये फार्मूला पूरे देश पर भी लागू हो सकता है।