भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बने एक साल से अधिक समय हो चुका है। लेकिन निगम-मंडल में होने वाली नियु्क्तियों का फैसला अभी तक नहीं हो सका है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भी पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन उनके राज्य सभा जाने की अटकलें हैं। ऐसे में ग्वालियर चंबल को जो नेता सिंधिया से आस लगाए बैठे थे वह अब दूसरे कांग्रेसी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में किस कांग्रेसी को क्या मिलना है यह सिर्फ ओर सिर्फ सिंधिया तय करते है। इस बात को पूरी कांग्रेस जानती है जिसके कारण अंचल से किस कांग्रेसी को क्या देना है इसको लेकर वह सिर्फ सिंधिया की सिफारिश पर ही काम करती है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बने हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन निगम मंडल में नियुक्ति की आस में शहर के कई कांग्रेसी इंतजार में है, लेकिन इंतजार करते हुए अब उनको अहसास हो गया है कि अब कोई नया रास्ता देखना ही पड़ेगा, यही कारण है कि सिंधिया समर्थको ने अब दूसरे कांग्रेस नेताओ के यहां दस्तक देना शुरू कर दिया है।
निगम मंडल में कांग्रेस सरकार नियुक्ति से पहले यह परखने का काम कर रही है कि कौन नेता जनाधार वाला है ओर किसको पद देने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है। अब सरकार के इस गणित से फिलहाल दावेदार अंजान है जिसके कारण वह सिर्फ अपने नेता पर ही भरोसा किए हुए है। अब नेता ने तो नाम पहले ही दे दिए है ओर इसमें ग्वालियर अंचल से सिर्फ तीन नाम है जिसमें से एक नाम कानूनी कारणो से कट हो सकता है। सिंधिया समर्थक जो दावेदार निगम मंडल में नियुक्ति को लेकर सक्रियता दिखा रहे है उसमें से आपस में ही एक – दूसरे की शिकायत करने का काम कर रहे है। कुछ कांग्रेसियो की तो दिल्ली से लेकर भोपाल तक शिकायत पहुंचाकर उनका पूरा रिकॉर्ड भेज दिया है, क्योंकि सिंधिया समर्थक कांग्रेसियो में यह खासियत है कि वह आपस में ही एक दूसरे को कट करने में समय जाया करते रहते है ओर ऐसे में दूसरे नेता से जुड़ा कांग्रेसी हाथ मार ले जाता है।
इस वजह से टूटी आस
निगम मंडल को लेकर शहर के कुछ कांग्रेसी लम्बे समय से इंतजार कर रहे है इस बात को सिंधिया भी समझते है। सिंधिया के सामने संकट यह है कि वह किस-किसको निगम मंडल में स्थान दिला सके, क्योंकि शहर में जो कांग्रेसी है उनको सिर्फ ओर सिर्फ ग्वालियर में ही कोई स्थान दिलाया जा सकता है, क्योंकि यहां कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो भोपाल तक अपनी पकड़ रखता है। ऐसे में सिंधिया ने रामनिवास रावत का नाम निगम मंडल के लिए दिया है। अब मुख्यमंत्री रावत के नाम पर कितना सहमत होते है कि नहीं यह तो आने वाला वक्त में ही पता चलेगा। शहर में सिंधिया समर्थक जो कांग्रेसी निगम मंडल में जगह पाने के लिए जोर लगा रहे है।