Scindia’s statement on Rahul Gandhi case: जयोरादित्य सिंधिया पहले राहुल गांधी के करीबियों में से माने जाते थे। लेकिन बाद में उनके संबंध कॉंग्रेस से खराब हो गए। राहुल गांधी मामले पर केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ने आज चुप्पी तोड़ी है। सिंधिया ने कॉंग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि, “राहुल गांधी ने व्यक्तिगत कानूनी लड़ाई को लोकतंत्र की कानूनी लड़ाई के रूप में प्रेषित कर लोकतंत्र से खिलवाड़ किया है। यह स्वार्थ की लड़ाई है और उसकी निंदा की जानी चाहिए।”
राहुल गांधी से पहले भी रद्द हुई इन नेताओं की संसदीय सदस्यता
बुधवार को सिंधिया ने संसदीय सदस्यता रद्द होने के पुराने मामलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। राहुल गांधी से पहले जय ललिता, आजम खान, ऋषि मसूद और अन्य कई नेताओं को संसदीय सदस्यता के लिए अयोग्य माना गया। था” उन्होंने आगे कहा, इससे पहले कभी कॉंग्रेस ने प्रस्तुतीकरण नहीं किया। आप जमानत के लिए फौज लेकर जा रहे हैं। ट्रेन रोक रहे हैं। ये अदालत पर दवाब बनाना नहीं तो क्या है? क्या कॉंग्रेस बताएगी यह गाँधीवाद का सिद्धांत है?
2013 में हुआ था कानून में बदलाव
केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा, “कॉंग्रेस पार्टी के लिए कुछ लोग फर्स्ट क्लास सिटीजन हैं और आप और हम थर्ड क्लास सिटीजन हैं।” उन्होंने ने कहा, ” People Representatation Act में बदलाव 2013 में हुआ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया था। जिसके बाद सदस्यता रद्द होने का कानून आया है। तब कॉंग्रेस सत्ता में थी, तब मनमोहन इसके विरुद्ध अध्यादेश लेकर आए। जिसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया। ऐसी हाइपोक्रेसी क्यों?”
ये है मामला
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को गुजरात के कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उनकी संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इस मुद्दे को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। जिसे लेकर सिंधिया ने बयान दिया है।