भोपाल/नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिय दिल्ली वाला बंगला खाली करने जा रहे है।सरकार के नोटिस के पहले ही उन्होंने पैकिंग शुरु कर दी है। अपने पिता माधवराव सिंधिया की सफलता के बाद, उन्हें बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया को आवंटित किया गया था।खास बात ये है कि पिछले 33 साल से यह मकान सिंधिया परिवार के पास ही रहा है। आज भी इस बंगले में माधवराव सिंधिया की नेमप्लेट लगी है।सुत्रों की माने तो सरकार यह बंगला नव नियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” को आवंटित कर सकती है।
दरअसल, नई सरकार नए मंत्रियों को बंगले आबंटित करने मे जुटी है,इसके लिए हारे हुए सांसदों से उनका बंगला खाली करवाया जा रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली के 27, सफदरजंग रोड पर स्थित अपने सरकारी आवास को खाली करना पड़ेगा।हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा प्रत्याशी केपी यादव से करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था। जिसके बाद अब सिंधिया को सरकारी आवास खाली करके किराए के मकान में शिफ्ट होना पड़ेगा। हालांकि चुनाव हारने के बाद सिंधिया को सरकार द्वारा आवास खाली करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया जाएगा।सुत्रों की माने तो सिंधिया केंद्र सरकार द्वारा आवास खाली किए जाने का नोटिस भेजे जाने से पहले ही अपना पता बदल देना चाहते हैं। इसी वजह से सरकारी आवास में मौजूद सामानों की पैकिंग का काम शुरू हो चुका है।
सुत्रों की माने तो सिंधिया ने लुटियंस जोन के पास एक लग्जरी बंगला किराए पर लिया है। बताया जाता है कि इसका किराया लाखों में है। वे जल्द सरकारी बंगला छोड़कर किराए के घर में शिफ्ट होंगे।हालांकि सिंधिया परिवार का एक पुश्तैनी बंगला भी दिल्ली में है लेकिन वह वहां पर शिफ्ट नहीं हो सकते हैं। क्योंकि उस बंगले के मालिकाना हक को लेकर अभी विवाद चल रहा है। खबर है कि सरकार इसे नव नियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” को आवंटित कर सकती है।