भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बड़ी सफलता हासिल करते हुए भोपाल पुलिस ने सीरियल किलर मनीराम सेन को गिरफ्तार किया है। खजाना दिलाने के नाम पर मनीराम 6 व्यक्तियों की हत्या कर चुका है। 5 हत्या के आरोप में वो पहले ही आजीवन करावास की सजा काट चुका है।
इस खूंखार कातिल ने सूखीसेवनिया के जंगल में खजाना दिलाने के नाम पर पत्रकार आदिल वहाव की हत्या कर दी थी। जंगल में पत्थर से सिर कुचलकर आदिल वहाव की नृशंस हत्या की गई थी। घटना स्थल जंगल होने से उक्त अंधे कत्ल का कोई मौके का साक्षी नही मिला था। आदिल वहाव से खजाना (जमीन में गढ़ा सोना) दिलाने के नाम पर आरोपी मनीराम सेन ने 17 हजार रूपये लिये थे। आदिल उसके रूपये वापस करने अथवा खजाना दिलाने का दबाव बना रहा था जिसके बाद आरोपी मनीराम सेन, आदिल की ही स्कूटी से घटना स्थल सूखीसेवनिया के जंगल में ले गया और उसकी हत्या सिर पर पत्थर मारकर कर दी।
जंगल में घटना स्थल जंगल पर आरोपी ने आदिल वहाव को जूट के बोरे पर बैठाकर पूजा के बहाने आंख बंद कराकर पीछे से उसके सिर पर पत्थर से वार कर उसकी नृसंस हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक के परिजन, दोस्त तथा रिश्तेदारों सहित करीबन 74 व्यक्तियों से पूछताछ की गई जिससे आरोपी मनीराम के द्वारा घटना करने के संबंध में सुराग मिला। थाना सूखी सेवनिया द्वारा अंधे कत्ल के अज्ञात आरोपी पर 20 हजार रूपये का इनाम भी घोषित किया था। घटना के बाद आरोपी मनीराम फरार हो गया था एवं फरारी के दौरान मोबाइल अपने साथ नही रखा था।
इससे पहले आरोपी मनीराम सेन ने वर्ष 2000 में भी थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा में खजाना दिलाने के नाम पर लोगो से रूपये लिये थे तथा रूपये वापस नहीं करना पड़े इसलिये पॉच व्यक्तियों की हत्या कर चुका है। उस अपराध के बाद सीरियल किलर मनीराम सेन डेढ़ वर्ष तक फरार रहा। बाद में अपराध साबित होने के बाद मनीराम को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा के पॉच व्यक्तियों की हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा वर्ष 2017 में पूर्ण कर वो अशोका गार्डन थाना क्षेत्र के अंतर्गत नवाव कालौनी में रह रहा था। थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा के अपराध क्रमांक 99/2000 धारा 302,201 भादवि में वर्ष 2006 में पैरोल पर आकर भी फरार हो चुका था जिसे 4 माह पश्चात विदिशा पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया गया था। ये आदतन अपराधी है जो खजाना निकालने के नाम पर लोगो से पैसे ऐंठता है और फिर जब पैसों की वापसी के लिये व्यक्ति दबाव बनाते है तब वो योजनाबद्ध तरीके से सूनसान जंगल में ले जाकर पूजा-पाठ बहाने आंखे बंद कराकर पीछे से सिर पर चोट पहुंचाकर हत्या कर देता है।
आरोपी मोबाइल नही रखता है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया था जिसके बाद 5 जनवरी को वो इलाहाबाद से लौटकर राहतगढ़ जिला सागर पहुंचा ही था कि मुखबिरकी सूचना पर पुलिस ने उसे पकड लिया। आरोपी से पूछताछ में उसने हत्या करना स्वीकार किया है।
इस अंधे कत्ल की तफ्तीश में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन एवं नगर पुलिस अधीक्षक सुरेश दामले के निर्देशन में थाना प्रभारी सूखी सेवनिया विजय बहादुर सिंह सेंगर, थाना प्रभारी पिपलानी चैन सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी अवधपुरी विजय त्रिपाठी एवं उनि मेहताब सिंह थाना बिलखिरिया द्वारा अहम भूमिका निभाई गई। आरोपी मनीराम सेन की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी पिपलानी चैन सिंह रघुवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।