भोपाल।
मध्य प्रदेश में खुलने वाली शराब की उप दुकानों को पूर्व सीएम शिवराज और सीएम कमलनाथ के बीच पत्र वार छिड़ गया है।अब शिवराज ने मुख्यमंत्री के पत्र के जवाब में एक और पत्र लिखा है । शिवराज ने लिखा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ऐसे कुतर्क दे रहे हैं, जो गले से नहीं उतरता है। ऐसा ही है, तो शराब की होम डिलीवरी करा दीजिए; अगर ऐसे ही माफिया खत्म होते हैं तो
शिवराज ने आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का मेरे पत्र के जवाब में जो जवाब आया है, मेरे साथ-साथ प्रदेश को आहत करने वाला है। किसी जिम्मेदार सरकार से ऐसे गैर-जिम्मेदार रवैये की उम्मीद न थी। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए जनता के कल्याण के लिए प्रदेश में नई शराब की दुकानें नहीं खोलने का फैसला किया, जिसके तथ्य और प्रमाण ये आपके समक्ष हैं। मेरे लिए प्रदेश का हित सर्वोपरि था, माफियाओं का नहीं। ।मुख्यमंत्री कमलनाथ जी कुतर्क देने की बजाय मध्य प्रदेश को आदर्श प्रदेश बनाने पर ध्यान दीजिए; यही प्रदेश और आपके हित में भी है।मैं मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि शराब की उपदुकानों में क्या गन्ने का जूस, दूध, पनीर, मक्खन बिकेगा? मुख्यमंत्री जी, कृपया कुतर्क ना करें, प्रदेश की जनता को सार्थक जवाब दें।
दरअसल, शुक्रवार को शिवराज ने सीएम कमलनाथ को प्रदेश में शराब की उप दुकानों खोलने को लेकर पत्र लिखा था और इस निर्णय को वापस लेने की मांग की थी। इसके बाद शाम को सीएम कमलनाथ ने शिवराज को पत्र के जरिए ही जवाब दिया और कहा कि जब राज्य में पंद्रह वर्षों तक भाजपा की सरकार थी, उस समय शराब दुकानों की संख्या बढ़ने के बारे में आम लोगों को नहीं बताया गया। अब एक बार फिर शिवराज ने कमलनाथ के पत्र पर पलटवार किया है और कहा है कि ऐसा ही है, तो शराब की होम डिलीवरी करा दीजिए।
कमलनाथ का शिवराज को जवाबी पत्र
कमलनाथ ने लिखा था कि नई नीति से प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ेंगी और साथ ही अवैध व्यापार करने वाले माफियाओं पर सख्ती से अंकुश लगेगा। बीजेपी शासन में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें खोलीं गईं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष 2003-04 में देशी मंदिरा की दुकानें प्रदेश में 2221 थी, जो भाजपा शासनकाल में उत्तरोत्तर बढ़ते हुए वर्ष 2010-11 में 2770 हो गईं थीं। इसी प्रकार विदेशी मदिका वर्ष 2003-04 में 581 थी जो बढ़ते हुए 2010-11 में 916 हो गईं थी। इस प्रकार कांग्रेस शासनकाल में कुल देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या प्रदेश में 2792 थीं, जो आपके कार्यकाल के वर्ष 2010-11 में बढ़कर 3683 हो गई थीं। इसलिए आपका दावा सही नहीं है। उन्होंने शिवराज के प्रदेश में शराब की नई 2500 दुकाने खुलने का दावा भी खारिज कर दिया।
शिवराज का कमलनाथ को पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के शराब की उप दुकान खोलने के फैसले का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश में तीन गुना शराब की दुकानें बढ़ जाएंगी। यह फैसला मध्य प्रदेश को शराब के नशे में डुबोने वाला है, आपराधिक गतिविधियां बढ़ेंगी| एक तरफ सरकार शराब माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है और दूसरी तरफ प्रदेश को शराब माफिया के हवाले कर रही है| उन्होंने कहा यह राजनीतिक विरोध नहीं है बल्कि उन्हें प्रदेश की चिंता है| पूर्व सीएम शिवराज ने फैसले को वापस लेने के लिए सीएम कमलनाथ को एक पत्र भी लिखा है| पूर्व सीएम ने कहा यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो हम जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।