MP News : सिंधिया समर्थक मंत्री का बड़ा ऐलान- महिलाओं को जल्द सौंपा जाएगा यह जिम्मा

Pooja Khodani
Published on -
गोविंद सिंह राजपूत

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र विधानसभा (MP Assembly) के बजट सत्र 2021 (Budget Session 2021) से पहले शिवराज सरकार (Shivraj government) में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक  परिवहन एवं राजस्व मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत (Transport and Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने महिला स्व-सहायता समूहों को लेकर बड़ा फैसला किया है।इसके तहत अब महिलाओं को गौ-शालाओं का संचालन सौंपा जाएगा। 

यह भी पढ़े… MP में ओला-वृष्टि से फसलें बर्बाद, भरपाई करेगी शिवराज सरकार, सर्वे के निर्देश

आज सागर जिले (Sagar district) के राहतगढ़ तहसील में महिला स्व-सहायता समूह को संबोधित करते हुए  सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों (Women self-help groups) को गौ-शाला संचालन (Cowshed operation) का काम सौंपा जायेगा। हमारे समाज में महिलाओं को गृहलक्ष्मी का दर्जा इसलिये दिया गया है, क्योंकि वे जिस काम को करती हैं, उसमें फायदा निश्चित होता है।महिलाएँ आत्म-निर्भर होंगी, तो प्रदेश और देश आत्म-निर्भर होगा।

मंत्री राजपूत ने कहा कि अभी पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ गौ-शालाओं का संचालन महिला स्व-सहायता समूह को सौंपा गया है। यह प्रयोग सफल रहा, तो आगे अन्य गौ-शालाओं का संचालन भी महिला समूहों को सौंपा जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएँ घर के काम ही करती थीं। सरकार ने सोचा कि पुरुषों के साथ महिलाओं को भी ऐसा काम दिया जाये, जो वे घर बैठकर अन्य कामों के साथ कर सकें।गौ-शाला संचालन भी इन्हीं चुनिंदा कामों में से एक है।

MP School : मप्र के छात्रों को 1 लाख जीतने का सुनहरा मौका, यह देखें पूरी डिटेल्स

मंत्री  राजपूत ने कहा कि समूह में जुड़ने से महिलाओं में आत्म-विश्वास, आत्म-बल एवं आत्म-निर्भरता की भावना बढ़ी है। सागर में अभी 1600 समूह विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 2 हजार 500 तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर स्व-सहायता समूहों के लिये एक करोड़ नहीं, 10 करोड़ की राशि की व्यवस्था भी की जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह को एक करोड़ 50 लाख की राशि के चैक प्रदान किये।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News