भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज भी अगर देश में कुपोषण (Malnutrition) का जिक्र किया जाता है तो सबसे पहले मध्य प्रदेश का नाम सामने आता है। मप्र सरकार (MP Government) लाखों-करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी आजतक कुपोषण का कलंक नहीं मिटा पाई है, हालांकि कोशिश जारी है। इसी कड़ी में अब नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों से पहले शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने एक बार फिर कुपोषण पर फोकस करना शुरु कर दिया है।
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इसके तहत फैसला लिया गया है कि महिला बाल विकास विभाग (Women Child Development Department) शहरी क्षेत्रों में संचालित समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों (Anganwadi centers) एवं उप आंगनवाड़ी केन्द्र के 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय करेगा।
इतना ही नहीं शहरी परियोजना एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र या उप आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ताजे पके हुए पूरक पोषण आहार की व्यवस्था राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन(National Urban Livelihoods Mission), राज्य शहरी आजीविका मिशन (State Urban Livelihoods Mission) के पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूह तथा तेजस्विनी समूहों से कराई जाएगी। इसके लिए कलेक्टर (Collector) की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है।
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वही स्व-सहायता समूहों को संशोधित परिपत्र के जारी होने के दिनांक से 3 वर्ष पूर्व से राष्ट्रीय एवं राज्य शहरी आजीविका मिशन के पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूह एवं तेजस्विनी के तहत् पंजीकृत होकर 3 वर्ष की आधार सीडेट बैंक खाते में बचत राशि शेष होना चाहिए।
बता दे कि हाल ही में प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन और उसकी जानकारी रखने के लिए पोषण ट्रैकर ऐप (Nutrition Tracker App) की शुरुआत की गई है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को अलग से 200 रुपए राशि देने का भी प्रावधान किया गया है।16 जिलों के 27,819 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अप्रैल 2021 और 36 जिलों की 69 हजार से अधिक का आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मार्च अंत तक राशि डाली जाएगी।