राज्य सरकार का बड़ा तोहफा, मानदेय-भत्ते में भारी वृद्धि, इन्हें मिलेगा लाभ, आदेश जारी, खाते में आएगी 1 लाख तक राशि

Pooja Khodani
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MP State Government Honorarium Hike : चुनाव साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत के पदाधिकारियों को तोहफा दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के मानदेय और भत्ते में बढ़ोत्तरी कर दी है। राज्य सरकार द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत पदाधिकारियों को पूर्व में स्वीकृत मानदेय एवं वाहन भत्ते में वृद्धि के निर्णय के अनुक्रम में संचालक पंचायत राज संचालनालय द्वारा वृद्धि के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत  अब जिला पंचायत अध्यक्ष को मानदेय, दूरभाष, सत्कार और वाहन भत्ता मिलाकर प्रतिमाह एक लाख रुपए मिलेंगे। वही जिला पंचायत उपाध्यक्षों को हर महीने 42 हजार रुपये मिलेंगे।

जानिए किसको कितना होगा फायदा

  1. दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढाकर 1 लाख रुपये मासिक (मानदेय राशि 35 हज़ार रुपये एवं वाहन भत्ता राशि 65 हज़ार रुपये)।
  2. जिला पंचायत उपाध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढाकर राशि 42 हज़ार रूपये मासिक (मानदेय राशि 28 हज़ार 500 रूपये एवं वाहन भत्ता राशि 13 हज़ार 500 रूपये)।
  3. जनपद पंचायत अध्यक्ष के मानदेय को बढाकर राशि 19 हज़ार 500 रुपये मासिक, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के मानदेय को बढाकर राशि 13 हज़ार 500 रूपये मासिक करने का आदेश किया गया है। इन्हें वाहन भत्ते की पात्रता नहीं होगी।
  4. पंच/उप सरपंच की अधिकतम वार्षिक मानदेय राशि में वृद्धि कर 1800 रुपये की गयी है। पंच और उप सरपंच को प्रति बैठक के लिए तीन सौ रुपये मिलेंगे, जो वर्षभर में एक हजार 800 रुपये से अधिक नहीं होंगे।

कैबिनेट बैठक में हुआ था फैसला

गौरतलब है कि 12 जुलाई को हुई शिवराज कैबिनेट बैठक में जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया था। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढ़ाकर 1 लाख रूपये मासिक और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढ़ाकर 42000 रूपये मासिक करने का फैसला हुआ था। जनपद पंचायत अध्यक्ष के मानदेय को बढ़ाकर 19500 रूपये मासिक एवं जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के मानदेय को बढ़ाकर 13500 रूपये मासिक करने का निर्णय लिया गया। पंच/उप सरपंच का अधिकतम वार्षिक मानदेय 1800 रूपये किया जायेगा। अतिरिक्त वित्तीय भार की व्यवस्था “स्टाम्प शुल्क वसूली के अनुदान” मद में वार्षिक अतिरिक्त वित्तीय भार लगभग 56 करोड़ 38 लाख 24 हजार 800 रूपये को अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराये जाने का निर्णय भी लिया गया।

 

राज्य सरकार का बड़ा तोहफा, मानदेय-भत्ते में भारी वृद्धि, इन्हें मिलेगा लाभ, आदेश जारी, खाते में आएगी 1 लाख तक राशि

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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