भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के पांच बड़े शहरों में कुत्तों की नसबंदी (Sterilization of dogs) पर 17 करोड़ रूपये (17 crore) खर्च हुए हैं। सरकार ने इस राशि का भुगतान उन एनजीओ (ngo) को किया है जो कुत्तों की नसबंदी का काम कर रहे हैं। लेकिन इसे लेकर अब सवाल उठा है कि आखिर कुत्तों की नसबंदी के लिए क्या कार्यप्रणाली अपनाई गई, किस तरह कुत्तों को पकड़ा गया और एन एनजीओ के साथ सरकार का किस तरह का अनुबंध हुआ है। विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के एक सवाल के जवाब में ये बात सामने आई है।
दरअसल यशपाल सिंह सिसौदिया ने प्रदेश के पांच बड़े शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी किए जाने को लेकर प्रश्न किया था। उन्होने पूछा था कि 2015 से लेकर अब तक कितने कुत्तों को पकड़ा गया, कितने कुत्तों की नसबंदी हुई और इसके लिए शासन द्वारा कितना भुगतान किया गया। इसके जवाब में पता चला कि इन पांचों शहरों में लगभग ढाई लाख कुत्तों की नसबंदी की गई है, जिसके लिए उन्हें 17 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। वहीं इंदौर में करीब 362 कुत्तों की नसबंदी फेल भी हुई है, जिसमें उनकी मौत हुई और उन्हें दफनाया गया। इस काम के दो एनजीओ हैदराबाद के हैं, एक देवास का और एक रीवा का एनजीओ काम कर रहा है। पांच शहरों में ढाई लाख कुत्तों की नसबंदी के लिए कुल 17 करोड़ की राशि खर्च की गई है। ये जवाब नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जवाब दिया है। लेकिन अब सवाल ये है कि एनजीओ ने ये सारा काम कब किया, कुत्तों को पकड़ने के लिए क्या किसी टीम का गठन किया गया। एनजीओ की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एनजीओ ने जिन कुत्तों की नसबंदी दर्शाई है, उसके लिये क्या प्रणाली अपनाई गई।
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने दफनाए गए कुत्तों को लेकर भी सवाल किया कि इनपर कितना खर्च हुआ और इन एनजीओ को मध्यप्रदेश में इस काम का अनुबंध करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया रही है। फिलहाल इन प्रश्नों के जवाब आना बाकि है, लेकिन ये सोचने वाली बात है कि केवल 5 शहरों में कुत्तों की नसबंदी पर 17 करोड़ की राशि खर्च हुई है तो पूरे प्रदेश में ये राशि जाने कौन सा आंकड़ा पार कर गई होगी।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।