इंदौर| मध्यप्रदेश की बहुचर्चित सीट इंदौर लोकसभा क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी की विजय संकल्प जनसभा के पहले पार्टी की फूट उजागर हुई है। दरअसल, मामला पीएम की चुनावी सभा से जुड़ा हैं। जिसमें पोस्टर वार पर बीजेपी खुद ही घिरी नजर आई आखिर में बीजेपी ने गलती पर, फ़ोटो चस्पा कर सुधार किया। बता दे कि रविवार को इंदौर में पीएम मोदी की सभा के पहले आठ बार से सांसद रही लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को दरकिनार करने का है।
इंदौर व देवास संसदीय क्षेत्र के लिए पीएम जनसभा के लिए पहुंचे, लेकिन उसके पहले ही राजनीतिक ड्रामा और बीजेपी की गुटबाजी साफ नजर आई। हुआ यूं कि इंदौर के दशहरा मैदान पर आयोजित सभा स्थल के मुख्य पोस्टर का जिस पर पहले तो बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व सीएम शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की तस्वीरें चस्पा की थी। वहीं मुख्य पोस्टर में पीएम मोदी के अलावा इंदौर लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी और देवास के प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी की तस्वीरें नजर आ रही थी।
यहाँ तक तो ठीक था लेकिन जब ताई ने सभा स्थल का दौरा किया और चर्चा चली की पोस्टर में से वर्तमान सांसद और लोकसभा स्पीकर व बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नदारद हैं तो फिर बीजेपी अपनों से ही घिरी नजर आई। इसके बाद जब शहर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा से मीडिया ने सवाल पूछा तो उन्होंने साफ किया ताई इस बात को लेकर नाराज नहीं है। आखिर में जब बीजेपी को लगा कि एक बड़ी गलती हो गई है तो भूल को सुधार कर ताई और भाई की तस्वीरें अलग से चस्पा की गई। इसके बाद इंदौर में बीजेपी की राजनीति में संकट गहराने लगा और गुटबाजी खुलकर सामने आई। जहां तक ताई की बात है तो वे आठ बार की जीत का रिकॉर्ड बना चुकी है। वही विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी के लिए बड़े सिरदर्द के रूप में उभरे है बावजूद इसके ताई और भाई को अपने ही शहर में इस तरह की रुसवाई कई सवाल बीजेपी की कार्यप्रणाली पर उठा रही है क्योंकि जब जख्म अपनो से मिलते है तो गैरो की हिम्मत तो बढ़ेगी ही सही क्योंकि दोनों ही कद्दावर राजनेता है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि कही साईं ने ही तो नही ताई और भाई को जगह नही दी।
पहले का पोस्टर
बदलाव के बाद का पोस्टर