भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चैत्र पूर्णिमा पर हर साल दिखाई देने वाले सुपरमून (Super moon) का दीदार इस बार भी हुआ। सूपरमून में चंद्रमा का आकार सामान्य पूर्णिमा की अपेक्षा बड़ा दिखाई देता है। इस दौरान चांद और अधिक चमकदार भी नजर आता है। इसे ही पिंक मून भी कहा जाता है। मंगलवार की शाम चंद्रमा करीब 7 बजकर 9 पर पूर्व से उदित हुआ। इस पिंक मून (Pink Moon) को मंगलवार रात भर देखा जा सकेगा। इस साल 2 सुपरमून देखे जाएंगे एक 27 अप्रैल को और उसके बाद 26 मई को।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक सुपरमून में चंद्रमा तकरीबन 30 फीसदी अधिक चमकीला नजर आता है और लगभग 14 प्रतिशत अपने सामान आकार से बड़ा दिखाई देता है। वास्तव में चंद्रमा का आकार बड़ा नहीं होता है बल्कि पृथ्वी से इसकी निकटता के कारण यह ऐसा प्रतीत होता है। इस घटना में चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी सबसे कम हो जाता है।
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खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा की आर्बिट अंडाकार होने की वजह से चंद्रमा और पृथ्वी के सबसे दूर बिंदु को एपोजी जबकि सबसे नजदीक बिंदु को पेरीजी के नाम से जाना जाता है। सुपरमून तब होगा जब चंद्रमा पेरीजी पर पहुंचता है जबकि एपोजी पर यह माइक्रोमून कहलाता है।
पिंक मून के अलावा इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून जैसे कई नाम किए गए हैं। हिंदुओं में इसे हनुमान जयंती के तौर पर मनाया जाता है। बौद्ध धर्म यह बाक पोया होता है जब बुद्ध श्रीलंका पहुंचे थे और युद्ध को टाला था।