भोपाल। मध्यप्रदेश में तबादलों का दौर तेजी से चल रहा है। आए दिन अफसरों के तबादले किए जा रहे है। हैरानी की बात तो ये है कि एक ही अफसर के बार बार तबादले हो रहे है, ऐसे में अफसरों के माथे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई है कि आखिर कहां से रिलीव करे और कहां ज्वाइन। हद तो तब हो गई जब एक ही अफसर के 12 दिन में 4 बार ट्रांसफर कर दिए गए। चौंकाने वाली बात तो ये है कि यह मामला कही और का नही बल्कि सीएम के गृह जिले छिंदवाड़ा का है।
दरअसल, सत्ता में आने के बाद अपने हिसाब से प्रशासनिक जमावट कर रही कमलनाथ सरकार तबादलों में ऐसी उलझी है कि एक ही अफसर के कई कई बार तबादले कर दिए है ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान अमरवाड़ा के एसडीओपी अशोक घनघोरिया है, जो 12 दिन में चार बार ट्रांंसफर हो चुके है। अब उनके सामने ऐसी उलझन है कि वे कहां से रिलीव से और कहां ज्वाइन करे।घनघोरिया के 12 दिन में अलग अलग जिलों में चार बार ट्रांसफर हुए है।उन्हें दो बार भोपाल ट्रांसफर करने के बाद हाल ही में तीन दिन पहले 20 फरवरी को छतरपुर के निवाडी में भेजा गया है।हैरानी की बात तो ये है कि जहां से मुख्यमंत्री कमलनाथ नौ बार सांसद रहे है वही की ये स्थिति बनी हुई है। जबकी अमरवाड़ा सीएम की लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा है, जहां अधिकारी को ट्रांसफर पर ट्रांसफर झेलने पड़ रहे है।दूसरी बात ये है कि घनघोरिया छह महिने पहले ही अमरवाड़ा एसडीओपी बनाए गए थे।
सुत्रों की माने तो पीड़ित अधिकारी अब नेताओं के चक्कर काट रहे है और ऊंची पोस्ट पर अपनी पोस्टिंग कराने की जुगत में है।कई अफसरों को भोपाल के नेता-विधायकों के घर चक्कर लगाते हुए भी देखा गया है। हालात ये हो गए है कि अधिकारी एक तबादला होते ही सहम जा रहे है है कि कही दूसरी लिस्ट में उनका फिर से नाम तो नही।वही कई ऐसे अफसर है जिन्हें लगातार मलाईदार पोस्टिगं मिल रही है, कहने को उनका तबादला कर दिया जाता है लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्हें वापस वही भेज दिया जाता है।
ऐसे चला घनघोरिया के ट्रांसफर का सिलसिला
एसडीओपी घनघोरिया के तबादलों को देखकर पता चलता है कि तबादले की अंधी दौड़ में लगे मंत्री-अफसरों ने चार दिन में इनके दो तबादले कर डाले हो।
-9 फरवरी को पहला तबादला अमरवाड़ा से भोपाल
-13 फरवरी को दूसरा तबादला भोपाल से डिंडौरी
-15 फरवरी को तीसरा तबादला डिंडौरी से भोपाल
-20 फरवरी को चौथा तबादला भोपाल से निवाड़ी
विधायक ने जाहिर की नाराजगी
इस तबादला एक्सप्रेस का अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह ने भी नाराजगी जताई है।एसडीओपी का पक्ष लेते हुए शाह ने विभाग को एक नोटशीट भेजी है, जिसमें घनघोरिया की ट्रांसफर लिस्ट में जल्द सुधार करने को कहा गया है , साथ ही उन्हें अमरवाड़ा में यथावत रखे जाने की बात कही है।
विपक्ष भी कर चुकी है घेराव
प्रदेश में लगातार हो रहे तबादलों पर विपक्ष ने भी कमलनाथ सरकार की जमकर घेराबंदी कर रखी है। विपक्ष लगातार सरकार पर तबादला उद्योग फलने फूलने का आरोप लगा चुका है। यहां तक की हाल ही में हुए बजट सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार लेने देन के चक्कर में तबादले पर तबादले किए जा रही है। 15 सालों में जितने तबादले नही हुए उतने कमलनाथ सरकार ने बीते दो महिनों में कर दिए है। इससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर असर पड़ रहा है , अधिकारियों का मनोबल टूटता है। वही सरकार इसे सामान्य प्रक्रिया करार देकर पल्ला झाड़े हुए है।खैर आगे क्या होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
तबादलो पर रोक हटी, निशाने पर आए कर्मचारी
इधर, कर्मचारियों के तबादलों से रोक हटा ली गयी है। कमलनाथ सरकार ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अब अब जिला स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों के भी तबादले हो सकेंगे।प्रभारी मंत्री और कलेक्टर की सिफारिश के बाद अब तबादले हो सकेंगे। 2017-2018 की तबादला नीति के तहत पूरे प्रदेश में कर्मचारियों अधिकारियों का ट्रांसफर होगा।