भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक निर्णय को लेकर उनके मंत्रिमंडल में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कुछ दिन पहले सरकार की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया था कि कमलनाथ मंत्रिमंडल के केवल सात मंत्री ही मीडिया से बात कर सकेंगे या सरकार के निर्णय की जानकारी दे सकेंगे। मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कमलनाथ के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं।
एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में गोविंद राजपूत ने कहा कि जिस किसी को अनुभव है या विभाग की जानकारी है, उसे मीडिया से बातचीत करने में किसी को क्या आपत्ति। गोविंद राजपूत ने यह भी कहा कि जब मीडिया सवाल पूछेगा और विभागीय बातों के बारे में सवाल करेगा तो फिर सवालों का जवाब देना मंत्री की मजबूरी होगी। गोविंद राजपूत ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के तेजतर्रार मंत्री माने जाते हैं और उन्हें राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है। राजपूत की आपत्ति साफ बताती है कि कमलनाथ का केवल सात मंत्रियों को मीडिया से बातचीत करने देने का निर्णय कई मंत्रियों के गले नहीं उतर रहा है और अंदर ही अंदर इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है|
सात मंत्रियों को बोलने का अधिकार
-जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा
-संस्कृति एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुश्री विजयलक्ष्मी साधौ
-गृह मंत्री श्री बाला बच्चन
-उच्च शिक्षा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी
-लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे
-नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह
-वित्त मंत्री तरूण भनोट