इंदौर/आकाश धोलपुरे
कुछ दिन पहले देशभर में आंध्रप्रदेश के कुरनूल जिले की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें अस्पताल की एक नर्स द्वारा इस्लाम मानने वाले एक शख्स के पैर छूते हुए दिखा रही थी। इस तस्वीर को लेकर झूठे दावे किए जा रहे थे, असल में उस तस्वीर में नर्स एक डायबिटीज मरीज के पैर से निकल रहे रक्त प्रवाह को रोक रही थी और हकीकत सामने आने के बाद मामले ने कानूनी रूप ले लिया था।
इधर, मध्यप्रदेश के इंदौर में भी एक ऐसी ही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है लेकिन इंदौर से सामने आई तस्वीर में बहुत बड़ा अंतर है। दरअसल, यहां जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें कोरोना को हराकर घर लौट रहे एक शख्स ने भावावेश में आकर नर्स के पैर छू लिये और ये मार्मिक पल कैमरे में भी कैद हो गए। मार्मिक तस्वीर इसलिए भी कोरोना के भयानक काल में डॉकटर और नर्स की सेवा ने और भी संजीदा होकर लोगो के दिलो को छू लिया है। मार्च में शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में डॉक्टरों और नर्सो पर लोगों ने हमला बोल दिया था जिसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों का एक तरह से हौंसला टूटने लग गया था क्योंकि वो लोगों की जान बचाने के लिये अपनी जान दांव पर लगाकर उनकी जिंदगी की सलामती के लिए कार्य कर रहे हैं। लेकिन ताजा तस्वीर के सामने आने के बाद एक तरह से हॉस्पिटल स्टाफ और नर्सो में एक नया विश्वास जागा है।
बता दें तस्वीर इंदौर के रेड जोन कैटेगरी के अरविंदो अस्पताल की है। जहाँ से रविवार को तकरीबन 12 लोग कोरोना को हराकर अपने घर लौट रहे थे। उसी दौरान अस्पताल परिसर के बाहर जब मरीजों को विदाई देने का वक्त आया तो कोविड पेशेंट रहकर अस्पताल में कई दिन गुजारने वाले जबरन कालोनी निवासी एक उम्रदराज शख्स नर्स के पैर छूने लगा और आंसुओ के सैलाब के साथ नर्स से आशीर्वाद भी लिया। तस्वीर में नजर आ रही नर्स का नाम कल्पना पिल्लै है जो कोविड पेशेंट को बाहर छोड़ने आई थीं, लेकिन इसी वक्त खन्ना वर्मा नामक कोरोना योद्धा ने नर्स के पैर छू लिए और कुछ दूर खड़े फ़ोटो जर्नलिस्ट रवींद्र सेठिया ने इस मार्मिक पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया। बाद में तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गई।
फ़ोटो जर्नलिस्ट रविंद्र सेठिया की मानें तो वो पल भावुक थे और उन मार्मिक पल को देखते ही उन्होंने उसे कैमरे में कैद कर लिया। इधर, तस्वीर में आशीर्वाद ले रहे खन्ना वर्मा ने बताया कि उन्हें टायफायड और पीलिया होने के साथ ही कोरोना संक्रमण भी था और अरविंदो अस्पताल के डॉक्टर और नर्स की वजह से ही वो जिंदगी की जंग जीते है। ऐसे में माँ की ही तरह दुलार, फटकार और प्यार करने वाली कल्पना मैडम उनके लिए ईश्वर तुल्य हैं। ये ही वजह है कि उन्होने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
अस्पताल में हर कोविड पेशेंट का संजीदगी से ध्यान रखने वाली नर्स कल्पना पिल्लै का कहना है कि वो पल भी उनके लिये भावुक थे क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल में देखरेख को लेकर इन दिनों तमाम सवाल उठ रहे हैं। लेकिन पेशेंट से इलाज के दौरान एक अलग रिश्ता कायम हो जाता है और उनकी कोशिश रहती है कि हर पेशेंट का पूरा ख्याल रखा जाए। फिलहाल, इंदौर की इस तस्वीर को सच और झूठ के तराजू में तोलने की आवश्यकता इसलिए भी नही है क्योंकि इंदौर की ये मार्मिक तस्वीर महामारी के दौरान डॉक्टर, नर्स और अस्पताल स्टाफ की संवेदनशीलता और मरीजों के साथ उनके भावनात्मक रिश्तों का आईना है।