भोपाल। ‘वक्त है बदलाव’ का नारा लेकर 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने पुरानी सरकार की योजनाओं और फैसलों में बदलाव कर दिया है| मुख्यमंत्री कमलनाथ अब खुद लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। आज मंगलवार को जन अधिकार कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है। यह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समाधान ऑनलाइन की तर्ज पर है, लेकिन यह कार्यक्रम समाधान ऑनलाइन से ज्यादा असरदार होगा। यह कार्यक्रम हर महीने के दूसरे मंगलवार को होगा। जिसमें मुख्यमंत्री प्रदेश के किसी भी नागरिक के आवेदन की सुनवाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि आवेदक की समस्या के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व में ही मंशा जाहिर कर चुके हैं कि प्रदेश के किसी भी नागरिक की समस्या जिस स्तर की है, उसका समाधान वहीं होना चाहिए। कोई भी ग्रामीण अपनी समस्या लेकर भोपाल तक नहीं पहुंचना चाहिए। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने जिला सरकार की दिशा में काम शुरू किया है। इसके बावजूद भी नामांतरण, बंटवारा, पेंशन, राशनकार्ड, एफआईआर न लिखना, पट्टा, सरकारी योजनाओं का लाभ आदि से जुड़ी शिकायत लेकर कोई व्यक्ति भोपाल पहुंचता है तो फिर ग्राम पंचायत सचिव से लेकर कलेक्टर, संभागायुक्त एवं एसपी आईजी तक पर कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को जन अधिकार कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रहे हैं। संभवत: पहले दिन मुख्यमंत्री लोगों की समस्या के समाधान में लापरवाही अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सरकार की मंशा जाहिर कर सकते हैं।
सीएम सचिवालय ने किया सूचित
जन अधिकार कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन लोगों को सूचित कर दिया गया है, जिनकी समस्या कल सुनी जाना है। खास बात यह है कि इस संबंध में अभी तक संंबंधित जिले के अधिकारी एवं कर्मचारियों को सूचित नहीं किया गया है। जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सभी कलेक्टर एवं एसपी को जन अधिकार कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉफ्रेंसिंग में उपस्थित रहने को कहा है। जबकि आवेदकों से कहा गया है कि वे मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में मौजूद रहें।
शिवराज की योजनाओं से संतुष्ठ नहीं सीएम
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में के कार्यकाल में चल रहीं समाधान ऑनलाइन, सीएम हेल्पलाइन एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम की समीक्षा करते हुए इनके परिणाम संतोषप्रद न होने पर ऐसा संवाद आधारित कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए थे, जिससे लोगों की समस्याओं और शिकायतों का त्वरित संतोषप्रद और सुनिश्चित निराकरण हो सके। इसके बाद जन अधिकार कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। नये कार्यक्रम की मूल अवधारणा प्रदेश की जनता की प्रमाणिक सद्भावनापूर्ण शिकायतों और समस्याओं का निराकरण होना उनका अधिकार है।