ग्वालियर, अतुल सक्सेना। नगरीय निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ हो लेकिन टिकट के दावेदारों के बीच अभी से घमासान शुरू हो गया है। टिकट मांगने वाले पार्टी नेताओं का जुनून इतना बढ़ गया है कि वो अब विवाद और मारपीट तक पहुँच गया है।
चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी में अब पहले जैसा अनुशासन खत्म होता जा रहा है। संगठन को परिवार की तरह एक माला में पिरोकर रखने वाली बातें पुरानी हो गई है। इसका ताजा प्रमाण मिला गुरुवार की रात भाजपा की एक बैठक के बाद। जिसमें युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत की बात पर दो गुट आपस में भिड़ गए। पहले पार्टी कार्यालय में जिला अध्यक्ष के सामने मुँहवाद हुआ फिर कार्यालय के नीचे मारपीट हो गई। घटना के बाद दोनों पक्ष पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने दोनों की शिकायत पर क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार शनिवार को ग्वालियर दौरे पर आ रहे हैं। उनके पहली बार ग्वालियर आने पर पार्टी भव्य स्वागत की तैयारी कर रही है। इसी तैयारी को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी और युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष विवेक चौहान ने गुरुवार की शाम पार्टी कार्यालय मुखर्जी भवन पर एक बैठक का आयोजन किया था।
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बैठक में स्वागत करने की बात पर प्रदेश सह संयोजक शीतल सिंह भदौरिया के बेटे वीर विक्रम सिंह भदौरिया और पूर्व पार्षद बलवीर सिंह तोमर के बेटे छोटू उर्फ अवधेश तोमर के बीच मुँहवाद हो गया। बात ज्यादा बढ़ती उससे पहले ही जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने दोनों को शांत करा दिया।
वीर विक्रम सिंह भदौरिया ने बताया कि पार्टी कार्यालय में मामला शांत होने के बाद जाते जाते छोटू उर्फ अवधेश तोमर ने देख लेने की धमकी दी और जब वे पार्टी कार्यालय के नीचे खड़े थे तभी लड़कों और अपने भाईयों के साथ आकर मेरे साथ मारपीट कर दी। वीर ने आरोप लगाया कि किसी ने उसे मुँह पर कट्टे की बट से भी मारा है जिसका गहरा निशान बन गया। छोटू की माने तो उसकी माँ उमा भदौरिया महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष हैं और पार्षद के टिकट की दावेदार हैं। पूर्व पार्षद बलवीर सिंह तोमर का परिवार भी टिकट चाहता है इसलिए हमें रोकने के लिए ये प्रयास किया गया है।
उधर छोटू उर्फ अवधेश सिंह तोमर के पिता पूर्व पार्षद बलवीर सिंह तोमर ने अपने बेटे को घटना से अलग करते हुए उनके समर्थक रवि शर्मा के साथ विवाद बताया । उन्होंने कहा कि वीर ने रवि के साथ मारपीट की तो रवि के साथियों ने भी मारपीट कर दी । उन्होंने वीर विक्रम सिंह को अपराधी किस्म का लड़का बताते हुए कहा कि वो पार्षद के टिकट को लेकर बौखलाया हुआ है। इसलिए विवाद करता रहता है। घटना के बाद दोनों पक्ष जनकगंज थाने पहुँच गए जहाँ पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब थाने पर ही विवाद होने लगा तो पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया।