Underwear Rule : क्या है अंडरवियर रूल! यौन शोषण से बचने के लिए बच्चों को सिखाएं ये जरुरी नियम

Underwear Rule : बाल यौन शोषण..ये एक ऐसा विषय है जिसपर बात करना और गंभीरता से निदान ढूंढने की जरुरत है। बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। बचपन में हुए इन कटु अनुभवों का असर बच्चों के बालमन पर जिस तरह से पड़ता है, वो ताजिंदगी उनका पीछा नहीं छोड़ता। उनके मनोविज्ञान और व्यक्तित्व निर्माण पर इस तरह की घटनाओं का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि स्थिति भयावह है। यौन शोषण के शिकार बच्चों में लड़का-लड़की दोनों शामिल होते हैं। पॉक्‍सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस जैसे कड़े कानून होने के बावजूद इस तरह के अपराधों में कमी नही देखी जा रही। इसीलिए जरुरी है कि हम अपने घरों में बच्चों को समझाएं कि ऐसे अपराधों से बचने के लिए क्या कर सकते हैं। बच्चों को सरल भाषा में कुछ बातें सिखाई जा सकती हैं जिनसे कि वो सतर्क रह सकें। एनएसपीसीसी (National Society for the Prevention of Cruelty to Children) द्वारा अंडरवियर रूल (Underwear Rule) बताए गए हैं। NSPCC ने ‘PANTS’ शब्द के सभी अक्षरों के आधार पर पांच नियम बनाए हैं। ये नियम रूल बच्चों को यह समझने में मदद करते हैं कि उनका शरीर उनका है और अगर कोई बात उन्हें परेशान या चिंतित महसूस कराती है तो उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति को बताना चाहिए जिस पर उन्हें भरोसा है।

     ये हैं Underwear Rule 

  1. Private are private : बच्चों को बताएं कि आपका अंडरवियर आपके निजी अंगों को ढंकता है और किसी को भी उन्हें देखने या छूने के लिए नहीं कहना चाहिए। कभी-कभी डॉक्टर, नर्स या परिवार के सदस्यों को इसकी आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन उन्हें हमेशा समझाना चाहिए कि क्यों और पहले बच्चों से पूछें कि क्या यह ठीक है। याद रखें, आपकी पैंट में जो है वह केवल आपका है और उसे छूने की इजाजत किसी को नहीं है।
  2. Always remember your body belongs to you : किसी को भी आपसे कभी भी ऐसा काम नहीं करवाना चाहिए जिससे आपको शर्मिंदगी या असहजता महसूस हो। यदि कोई आपको देखने के लिए कहता है या आपके अंडरवियर के नीचे छूने की कोशिश करता है तो ‘नहीं’ कहें – और किसी ऐसे व्यक्ति को बताएं जिस पर आप भरोसा करते हैं और जिससे बात करना पसंद करते हैं।
  3. No means no : आपको हमेशा ‘नहीं’ कहने का अधिकार है। यहां तक ​​कि परिवार के किसी सदस्य या अपने प्रिय व्यक्ति को भी। आप अपने शरीर पर नियंत्रण रखते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कैसा महसूस करते हैं। यदि आप ‘नहीं’ कहना चाहते हैं, तो यह आपकी पसंद है।
  4. Talk about secrets that upset you : अच्छे रहस्य और बुरे रहस्य होते हैं। यदि कोई रहस्य आपको दुखी या चिंतित महसूस कराता है, तो यह बुरा है और आपको इसके बारे में किसी ऐसे वयस्क को तुरंत बताना चाहिए जिस पर आप भरोसा करते हैं।
  5. Speak up, someone can help : उस चीज़ के बारे में बात करना हमेशा अच्छा होता है जो आपको परेशान करती है। यदि आप चिंतित हैं, तो जाकर किसी वयस्क व्यक्ति को बताएं जिस पर आपको भरोसा है – जैसे परिवार का कोई सदस्य, शिक्षक या आपके मित्र के माता-पिता में से कोई एक। वे कहेंगे कि अच्छा हुआ, बोलने के लिए और सब कुछ ठीक करने में मदद करेंगे। आप चाइल्डलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं और कोई हमेशा आपकी बात सुनने के लिए मौजूद रहेगा।

 

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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