बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत से मचा हड़कंप, जांच में जुटी टीम, वन अमले ने कोदो-कुटकी की फसल कराई नष्ट

हाथियों मौत की जांच के लिए केंद्र और राज्य की वाइल्डलाइफ एजेंसी की टीम भी बुधवार को बांधवगढ़ पहुंची है। मौत की सही वजह का पता लगाने के लिए हाथियों के शवों का परीक्षण किया जा रहा है।

Amit Sengar
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Umaria News : उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आने के बाद से ही लगातार वन विभाग और टाइगर रिजर्व से जुड़े अधिकारियों की नजर बनी हुई है, वहीं गुरुवार शाम 5:30 बजे दसवें हाथी की भी मौत हो गई। तीन दिन में 10 हाथियों की मौत से प्रदेश व दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। इनका हत्यारा कौन है ? फिलहाल वन विभाग और विशेषज्ञों की टीमें मौत का कारण जानने में जुटी हुई हैं। हाथियों की मौत के मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र व राज्य स्तर पर विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह समिति पांच किलोमीटर के दायरे की जांच करेगी।

बता दें कि बुधवार को एक स्वस्थ हाथी को जंगल में छोड़ा गया था। जिसकी निगरानी की जा रही थी। तभी वह अचानक से जंगल में बेहोश होकर गिर पड़ा और देखते ही देखते मौके पर मौत हो गई। मौत की जांच के लिए केंद्र और राज्य की वाइल्डलाइफ एजेंसी की टीम भी बुधवार को बांधवगढ़ पहुंची है। मौत की सही वजह का पता लगाने के लिए हाथियों के शवों का परीक्षण किया जा रहा है। इधर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने घटनास्थल के आसपास ट्रैक्टर चलवा कर कोदो-कुटकी की फसल को जला दिया। सुबह 11 बजे नौवें हाथी की मौत हुई थी। इन हाथियों में 1 नर और 9 मादा हैं।

1 नर और 9 मादा हाथियों की हुई मौत

गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथी बीमार हालत में मिले थे। उसी दिन चार हाथियों की मौत हो गई थी। इसके बाद 30 अक्टूबर को भी चार ने दम तोड़ दिया था। 31 अक्टूबर को शेष दो हाथियों की भी मौत हो गई।

जाँच में जुटी एसटीएफ की टीम

गौरतलब है कि विशषज्ञों ने प्राथमिक तौर पर जहरखुरानी की संभावना जताई है। इस पूरे मामले में एसटीएफ ने डॉग स्क्वॉड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की सर्चिंग की है। घटना के बारे में 5 लोगों से पूछताछ भी की। एसटीएफ प्रमुख और उनकी टीम डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल से 5 किमी के दायरे में छानबीन कर रही है।

हाथियों की मौत का कारण लग रहा है कोदो की विषाक्तता

वन विभाग के अनुसार, छह हाथियों का पीएम हो चुका है। प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर पशु चिकित्सक की रिपोर्ट के अनुसार हाथियों की मौत का कारण कोदो की विषाक्तता लग रही है। इसकी तथ्यात्मक पुष्टि केवल फॉरेंसिक लैब परीक्षण रिपोर्ट के बाद ही की जा सकेगी।

बांधवगढ़ में एक ही झटके में हाथियों की आबादी हुई 10% कम : पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश

कांग्रेस नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत बेहद चौंकाने वाली है। इससे बांधवगढ़ में एक ही झटके में हाथियों की आबादी 10% कम हो गई है। इसकी तुरंत पूरी जांच होनी चाहिए और सुरक्षात्मक उपाय किए जाने चाहिए।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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