Fake Apps से जरा संभलकर, आय की जुगत न पड़ जाए भारी

अगर आप एक इंटरनेट यूजर हैं तो आपने कभी न कभी ऐप्स और वेबसाइट पर अतिरिक्त आय करने के लिए सर्च करते है कहीं न कही लोगों यह जरिया बनती जा रही है। परंतु ये विश्वसनीय हैं भी या नहीं यहां जानिए

Amit Sengar
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Fake Apps : तकनीक बढ़ने के साथ-साथ आय बढ़ाने के जरिए भी दिन प्रतिदिन बदल रहे हैं। इंटरनेट पर कई ऐसी ऐप्स व वेबसाइट्स मौजूद हैं जिनकी मदद से आप पैसे कमा सकते हैं। इनका इस्तेमाल करने पर कैशबैक मिलता है, कुछ घंटे काम करने पर आमदनी होती है या फिर कॉइन मिलते हैं, जिसका इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जा सकता है। परंतु इनमें से कौन से सही हैं और कौन से नहीं, साथ ही हमें क्या सावधानी बरतनी है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए।

कमाई या जोखिम ?

पेमेंट ऐप (payment app)

कुछ ऐप्स कैशबैक की सुविधा देते हैं। किसी भी सामान का भुगतान जब आप इन ऐप्स के जरिए करते हैं तो कुछ रुपयों का कैशबैक मिलता है या फिर डिस्काउंट कूपन मिलते हैं। इनमें कुछ ऐप्स तो विश्वसनीय होते हैं, या कुछ नए और अप्रसिद्ध भी हो सकते हैं।.

स्पोर्ट्स व गेमिंग ऐप (Sports and gaming apps)

इन ऐप्स में पैसा लगाकर गेम खेला जाता है। जीतने पर रिवॉर्ड मिलते हैं इसलिए लत लगने के कारण लोग – इसमें पैसा लगाते जाते हैं और खेलते जाते हैं। इनमें इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई के जरिए ही पैसों का भुगतान होता है। आपका बैंक खाता ऐप से लिंक होता है इसलिए ठगी करना उनके लिए आसान होता है। लिहाजा रिवॉर्ड नहीं मिलता लेकिन आपकी निजी जानकारी उनके पास होती है और बैंक खाता भी खाली होने की आशंका होती है। आमतौर पर ये ऐप प्ले स्टोर में नहीं होते, उन्हें लिंक के जरिए डाउनलोड किया जाता है।

कॉल और लिंक्स (calls and links)

कई बार फर्जी कॉल्स भी आ सकते हैं, जिसमें ठग किसी प्रसिद्ध और विश्वसनीय यूपीआई कंपनी के नाम का सहारा लेकर आपके कैश प्राइज जीतने का दावा करेगा। वो आपको आपके नाम से बुलाएगा। मैसेज पर लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने के लिए कहेगा। यह लिंक वायरस हो सकता है जिस पर क्लिक करते ही आपका डेटा चोरी हो सकता है या खाते में जमा पैसा निकाला जा सकता है। इसी तरह मैसेंजर पर परिचित द्वारा लिंक भी भेजा जा सकता है जिस पर क्लिक करने या पांच-दस दोस्तों को भेजने पर रिवॉर्ड मिलने जैसे दावे होते हैं। यह भी डेटा चोरी का तरीका है।

फ्रीलांसिंग के ऐप (freelancing apps)

फ्रीलांसिंग ऐप्स आपको काम देते हैं, जैसे कि वीडियो एडिटिंग या एड देखना, टाइपिंग, डेटा एंट्री आदि। साथ ही आपको फोनकॉल के जरिए भी प्रस्ताव भी मिल सकता है। शुरुआत में छोटे-छोटे काम सौंपते हैं और पैसे भी देते हैं। कुछ समय के बाद बड़ा काम देने लगते हैं और कुछ दिनों के बाद संपर्क ही खत्म कर देते हैं।

सर्वे रिवॉर्ड (survey rewards)

इसमें किसी वीडियो या वस्तु से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं। लोकेशन ऑन होने के कारण उन्हें यह भी पता होता है कि आप कब और कहां गए थे, जिसके संबंध में सवाल हो सकते हैं। सर्वे पूरा करने पर कुछ रुपये मिलते हैं जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन खरीदारी में कर सकते हैं।

निवेश के लिए ऐप (app for investment)

कुछ ऐप्स पैसे लगाकर दोगुना करने का दावा करते हैं। इनमें छोटी से लेकर बड़ी रकम तक निवेश कर सकते हैं। शुरुआत में 10 रुपये लगाने पर जब ग्राफ बढ़ता है तो लालच बढ़ता जाता है, फिर व्यक्ति बड़ी रकम लगाने लगता है और जैसे ही धनराशि बढ़ती है ग्राफ़ नीचे आ जाता है, सारा पैसा डूब जाता है।

सुरक्षा (Security) के लिए जानकारी है ज़रूरी

  • कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले रिव्यू जरूर पढ़ें। हालांकि सोशल मीडिया पर कई रिव्यू के वीडियो ऐसे मौजूद हैं जो इनकी तारीफ़ करेंगे और कहेंगे कि उन्होंने एक महीने के अंदर घर और कार ख़रीद ली है आदि। उन्हें इसके लिए पैसे मिलते हैं। कुछ रिव्यूअर सिर्फ़ उन ऐप या वेबसाइट के बारे में बताते हैं, वे सही हैं या फर्जी, इसकी जांच नहीं करते। बेहतर होगा कि उन यूजर्स के रिव्यू पढ़ें जिन्होंने उसे चार से कम रेटिंग दी हैं।
  • अधिकांश उपभोक्ता ऐप इंस्टॉल करने से पहले ‘नियम और शर्तों’ को कभी नहीं पढ़ते। फर्जी वेबसाइट या ऐप से मैलवेयर आपके कम्प्यूटर या मोबाइल तक तेजी से पहुंच सकता है। जो आपकी संवेदनशील जानकारी को चुरा सकता है।
  • ऐसी किसी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल न करें जो जल्दी पैसे कमाने का प्रलोभन देती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतर यह ऐप्स नकली होते हैं जिसमें व्यक्ति सिर्फ निवेश करता जाता है पर उसे हासिल कुछ भी नहीं होता।
  • किसी नई और अनजान वेबसाइट या ऐप पर लॉगइन न करें, क्योंकि लॉगइन के साथ ही आप अपना डेटा उससे साझा कर रहे होते हैं।
  • ऑनलाइन लेन-देन के लिए अलग खाता रखें जिसमें 50 हजार से कम रकम मौजूद हो। साथ ही जरूरत न होने पर मोबाइल लोकेशन बंद करके रखें।
  • अपने फोन में कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच लें कि वह पर वेरीफाइड है या नहीं।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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