नगरीय निकाय चुनाव: कांग्रेस के डर का BJP कनेक्शन

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में नगर निकाय चुनाव (urban body election) की तैयारियां जोरों पर है। एक तरफ जहां निर्वाचन आयोग द्वारा प्रारंभिक मतदाता सूची (voter list) जारी कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ अन्य चुनावी कार्य को निपटाया जा रहा है। पार्टियों की बात करें तो बीजेपी-कांग्रेस (bjp-congress) भी सतही मैदान-ए-जंग में शामिल हो चुके हैं और जीत के लिए रणनीतियां बननी शुरू हो गई है। इसी बीच एक बार फिर से कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है।

दरअसल नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग पहुंच गई है। एमपी कांग्रेस (MP Congress) के महामंत्री और और पार्टी के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया (jp dhanopia) ने बीजेपी के खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत की है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाया जा रहे हैं।

वहीं कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया का कहना है कि यह कार्य बीजेपी के दबाव में आकर किया जा रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से अपील की है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में बिना सत्यापन किसी भी मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से ना हटाया जाए। धनोपिया ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही है कि बीजेपी नेता, कार्यकर्ता के दवाब में लगातार बिना सत्यापन (verification) किए ही कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।

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वहीं कांग्रेस के इस आरोप पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता रजनीश अग्रवाल (rajneesh agarwal) का कहना है कि कांग्रेस सत्ता में थी तब उन्होंने सूची के साथ छेड़छाड़ की थी। मतदाता सूची में काफी गड़बड़ी पाई गई थी। इतना ही नहीं कांग्रेस अपने शासनकाल के दौरान प्रदेश में अप्रत्यक्ष चुनाव कराकर नगरीय निकाय चुनाव पर कब्जा करने की तैयारी में भी थी। अपनी हार को देखकर कांग्रेस बौखला गई है। इसलिए अब बहाने बना रही है।

ज्ञात हो कि नगर निकाय चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच वर्ग प्रतिभा का दौर शुरू हो चुका है। वहीं इससे पहले 10 फरवरी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई थी। जिसमें प्रत्याशियों के चयन के साथ-साथ कांग्रेस विधायकों पर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही साथ नगरीय निकाय चुनावों की रणनीतियों पर खुलकर चर्चा की गई थी।

पिछली बार उपचुनाव (by-election) में मिली हार के बाद कमलनाथ किसी गलती के मूड में नहीं है और वह लगातार प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते नजर आ रहे हैं। नगरीय निकाय चुनाव को कांग्रेस पार्टी किसी भी तरह से हल्की तरह से नहीं ले रही है। वहीं एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू की जा चुकी है। अब ऐसे में चुनाव की तारीखों की घोषणा से पूर्व और किन मुद्दों पर इन दोनों पार्टियों में टकराव देखने को मिलता है। यह देखना दिलचस्प होगा।


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