मध्यप्रदेश में विंध्या वैली किट को घरों से बाहर दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को प्रमुखता से उपल्बध कराया जा रहा है। किट को लघु वनोपज संघ और दूसरी संस्थाओ के माध्यम से लोगों को भी भेजा रहा है। प्रदेश में किट के चमत्कारी असर को देखते हुए विंध्या वैली किट की डिमांड भी खासी बढ़ गई है। प्रदेश के तरह कर्नाटक सरकार ने किट मंगाने में दिलचस्पी दिखाई है। कर्नाटक ने विंध्या वैली इम्यूनिटी बूस्टर्स किट के 2 करोड़ बॉक्स मंगाने का ऑर्डर भी दे दिया है। वनोपज संघ ने इस ऑर्डर के पैक भी तैयार करा लिए हैं जिनपर कन्नड भाषा में ही इसकी उपयोगिता, असर और मात्रा के बारे में जानकारी दी गई है। जल्द ही ओडिसा से भी प्रदेश को 1 करोड़ किट का ऑर्डर मिलने वाला है। इसके अलावा किट को दूसरे राज्यों को भी सप्लाई किया जाएगा।
प्रोडक्ट की होगी अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग
मध्यप्रदेश की तरह ही कर्नाटक सरकार भी इन किट्स को पहले चरण में अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रावासों में रहने वाले स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा दूसरे राज्यों में भी विंध्या वैली किट की मार्केटिंग के लिए एजेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। लघु वनोपज संघ के मैनेजिंग डायरेक्टर एसएस राजपूत ने बताया कि विंध्या वैली इम्युनिटी बूस्टर्स किट का बेहतर रिस्पांस मिला है राजपूत कहते हैं कि वनोपज संघ को जल्द ही इसका एक और आर्डर मिलने जा रहा है। लघु वनोपज संघ जल्द ही अपने प्रोडक्ट की अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग भी करने जा रहा है। इसके लिए एजेंट नियुक्ति किया जा रहा है। इसके टेंडर जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि विंध्या वैली के पास 800 प्रोडक्ट तैयार करने का लाइसेंस है जिनमें से 350 प्रोडक्ट अभी बनाए जा रहे हैं।
क्या है ‘विंध्या वैली इम्यूनिटी किट’
कोरोना से लड़ाई के लिए मानव शरीर को अंदरूनी मजबूती देने वाली इस किट को लघु वनोपज संघ, मध्यप्रदेश ने तैयार किया है। विंध्या वैली इम्यूनिटी किट के नाम से तैयार किए गए इस आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के नतीजे काफी असरदार रहे हैं। इन्यूनिटी बूस्ट करने वाली इस किट में त्रिकूट चूर्ण, अश्वगंधा, काल मेघ, गिलोय और च्यवनप्राश शामिल हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही यह किट ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाने में बेहद फायदेमंद है।