शिवपुरी/ग्वालियर। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में आंगनबाड़ी सहायिका कार्यकर्ता कार्यक्रम में एक सहायिका को मंत्री जी की शिक्षा का बारे में सवाल पूछना महंगा पड़ गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी में वेतन को लेकर बहस चल रही थी। इस दौरान सहायिका ने मंत्री पर उनकी शिक्षा को लेकर सवाल दाग दिया। फिर क्या था मंत्री इमरती देवी भड़क गईं और उन्होंने खुले मंच से ही कार्यकर्ता को धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि लगता है आपको नौकरी की जरूरत नहीं है। आप किसी और सरकार में नौकरी कर लेना फिलहाल तो इतना ही वेतन मिलेगा।
दरअसल, रविवार को शिवपुरी जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की बैठक रखी थी। इस कार्यक्रम में प्रदेश की महिला विकास मंत्री इमरती देवी भी शामिल हुईं। उनके अलावा जिला कलेक्टर अनुग्रह पी, डीपीओ ओ.पी पाण्डे सहित कई अन्य अधिाकारी व सैकड़ों आंगनबाडी कार्यकता व सहायिका मौजूद थी। बैठक में मंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। इस दौरान वहां मौजूद कोलार ब्लॉक की आंगनबाड़ी सहायिका सना गुर्जर ने तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की समस्या मंत्री के सामने रखी। इस पर मंत्री ने 7 मार्च तक वेतन मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जबतक आपका वेतन रूका है आपके साथ डीपीओ का वेतन भी रुका रहेगा। इसी बात पर मंत्री इमरती देवी और सहायिका के बीच बहस बढ़ गई।
बहस तीखी हो गई और सहायिका ने कहा कि कम वेतन में काम चलाना मुश्किल होता है डीपीओ को हमसे अधिक वेतन मिलता है इसलिए उनको घर चलाने में समस्या नहीं होती। इस पर मंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षा भी अधिक होती है। इस तरह तो आप लोग कल को कलेक्टर के बराबर वेतन मांगने लगेंगे। मंत्री की बात खत्म होने से पहले ही सहायिका ने तत्काल सवाल दाग दिया कि मंत्री की क्या शिक्षा होना चाहिए। इतने में वहां मौजूद सभी लोग ठहाका लगाकर हंसने लगे। सपना गुर्जर के इस सवाल पर मंत्री ने झुंझलाते हुए सहायिका को बोला – लगता है आपको नौकरी नहीं करनी है। हम किसी और को नौकरी पर रख लेगें, जिसकी सरकार में आपको ज्यादा वेतन मिले तब नौकरी कर लेना। अभी तो यही मिलेगा।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ने के दौरान मंत्री इमरती देवी मंच से हट गईं थी और भाषण को कलेक्टर से पढ़ने के लिए कहा था। उनका वह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसके बाद उन्होंने अपनी बीमारी को भाषण नहीं पढ़ पाने का कारण बताया था। सहायिका के इस तरह शिक्षा का सवाल पूछना मंत्री को काफी नगवार गुजरा।