भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संकटकाल में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के महिला-बाल विकास विभाग(Women and Child Development Department) ने नई पहल की है। विभाग कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी का निर्णय लिया है और ऐसे बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप योजना(Sponsorship scheme) शुरू की जा रही है।
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दरअसल, महिला-बाल विकास विभाग द्वारा इस कोरोना काल में सकारात्मक पहल की गई है। विभाग द्वारा ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना के कारण हो गया है अथवा जिनके माता-पिता इस बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया गया है। ऐसे बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की जा रही है।
इसके तहत ग्वालियर जिले में फिट फेसिलिटी केन्द्र की शुरुआत की जा रही है। जिले में संचालित शासकीय विद्यालय (Government School) और छात्रावासों को ऐसे बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए फिट फेसिलिटी केन्द्र घोषित कर बच्चों की उचित देखभाल तथा संरक्षण प्रदान किया जाएगा। महिला बाल विकास विभाग की इस योजना में स्वयंसेवी संस्था, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को जोड़कर बच्चों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।
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गौरतलब है कि महिला बाल विकास विभाग की इस योजना के अंतर्गत बच्चों को शासकीय एवं निजी प्रायोजन सहायता का मुख्य उद्देश्य उनके जैविक परिवार से अलग होने से रोकना है। साथ ही बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चे, मुक्त कराये गये बच्चों को उनके जैविक परिवार में भेजकर पुनर्वास स्थित करना एवं उनका समग्र विकास करना तथा सामाजिक रूप से सक्षम परिवारों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चों के विकास में सहयोग के लिये जोड़ना है।