विश्व पृथ्वी दिवस आज, मुख्यमंत्री शिवराज ने लेने को कहा ये संकल्प

Pratik Chourdia
Updated on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हर वर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (world earth day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ये है कि हम पृथ्वी और प्रकृति (nature) से प्राप्त होने वाली समस्त चीजों के प्रति कृतज्ञ रहे और अपने लालच के लिए पृथ्वी की दुर्दशा न करें। साथ ही इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करें। वैसे भी इंसानों ने पर्यावरण (environment) को बहुत नुकसान पहुंचाया है और अभी भी पहुंचा रहा है। हमें मौजूदा स्थिति को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक होना चाहिए लेकिन मनुष्य अभी भी चंद पैसों के लिए पर्यावरण का विनाश (destroy) कर रहा है। ऐसे में विश्व पृथ्वी दिवस एक उम्मीद बन कर आता है कि शायद मनुष्य अपनी पृथ्वी मां के प्रति कुछ उदार हो जाए और उनका शोषण बंद करे।

यह भी पढें… मां की मौत से दुखी युवती ने बालकनी से कूदकर जान दी, लोग बनाते रहे वीडियो

आज विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पौधे में पानी देते हुए फोटो डाली साथ ही सभी से एक संकल्प लेने को कहा। उन्होंने ट्वीट करके लिखा, ‘ आज #worldearthday पर संकल्प लें कि मानव कल्याण के लिए हमें अपनी शस्य श्यामला धरा को सदैव हरा-भरा और समृद्ध बनाए रखना होगा। इसके लिए वृक्षों व पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्पित और निरंतर प्रयास करना होगा।

यह भी पढे़ं… कोरोना से निबटने के लिए विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव ने शिवराज से की यह मांग

अपको बता दें कि पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस 1970 में मनाया गया था। लेकिन आज की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि अब हर दिन विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाना चाहिए। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्व पृथ्वी दिवस एक थीम पर आधारित है। ईस बार इसकी थीम है ‘ रीस्टोर आवर अर्थ’। यानी कि अपनी धरती को एक बार फिर से आरोग्य करें।

देश इस वक़्त कोरोना महामारी की बुरी मार से जूझ रहा है। हर तरफ इस महामारी ने हाहाकार मचाया हुआ है। हम मानें या न मानें ये कहीं न कहीं पृथ्वी और पर्यावरण के ऊपर की गई ज़्यादती का ही नतीजा है। और यदि इसी तरह से पृथ्वी का दोहन होता रहा तो न जाने कितनी ऐसी कोरोना जैसी महामारियां मानव जाति को तबाह कर देंगी। इसलिए इस समय हमें पर्यावरण के प्रति पूरी लगन से समर्पित होने की ज़रूरत है। हम पर्यावरण को कुछ दे नहीं सकते हम सब कुछ उससे लेते ही हैं। ऐसे में हम सिर्फ उसका दोहन न करके भी अपने आप को बचा सकते हैं।


About Author
Pratik Chourdia

Pratik Chourdia

CTO & Digital Head of MP Breaking News

Other Latest News