World Ozone Day 2024 : आज विश्व ओजोन दिवस है। हर साल ये दिन ओजोन परत की सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को उजागर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। ओजोन परत हमारी पृथ्वी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों से पृथ्वी के जीवों को बचाती है। यदि यह परत कमजोर होती है या नष्ट हो जाती है तो धरती पर जीवन के लिए कई गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
ओजोन लेयर पृथ्वी के वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण परत है, जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा करती है। यह ओज़ोन अणुओं (O₃) से बनी होती है और मुख्य रूप से वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फियर नामक हिस्से में पाई जाती है, जो धरती की सतह से लगभग 10-50 किमी की ऊँचाई पर स्थित है। आज के दिन सीएम डॉ मोहन यादव ने इस प्राकृतिक कवच को बचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने का आह्वान किया है।
ओजोन परत का महत्व
ओजोन परत का मुख्य कार्य सूरज की अत्यधिक हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करना है। यदि यह किरणें सीधे पृथ्वी तक पहुंच जाएं तो यह त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और इम्यून सिस्टम को कमजोर करने जैसी कई बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। इसके अलावा, UV किरणें कृषि, समुद्री जीवन और पारिस्थितिक तंत्र के लिए भी हानिकारक होती हैं। इसलिए, ओज़ोन परत का संरक्षण बेहद आवश्यक है।
ओजोन परत को बचाने के प्रयास: मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
ओज़ोन परत को सुरक्षित रखने के लिए 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह प्रोटोकॉल ओज़ोन को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों (ODS) जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC) के उत्पादन और उपयोग पर रोक लगाने का एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। इसका उद्देश्य इन हानिकारक रसायनों के उपयोग को नियंत्रित करना और धीरे-धीरे समाप्त करना है, ताकि ओजोन परत पुनः ठीक हो सके।
इस साल की थीम और महत्व
19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ओजोन दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया और उसके बाद से हर साल 16 सितंबर को ये दिन मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य परत की रक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
ओजोन दिवस 2024 की थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्यवाही को आगे बढ़ाना’ है और यह दर्शाता है कि ओजोन परत की सुरक्षा के प्रयास सिर्फ पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने का भी एक अहम हिस्सा है। यह थीम इस ओर ध्यान आकर्षित करती है कि कैसे ओजोन परत को बचाने के लिए हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और विज्ञान व तकनीकी नवाचार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने न केवल ओज़ोन परत के संरक्षण में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। आज यह प्रोटोकॉल इस बात का प्रतीक है कि वैश्विक सहयोग, वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी प्रगति के जरिए हम पर्यावरणीय संकटों से निपट सकते हैं। यह थीम हमें प्रेरित करती है कि ओज़ोन परत की सुरक्षा के साथ-साथ हमें जलवायु के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके।
ओजोन दिवस की प्रासंगिकता
आज के समय में, ओजोन परत को हो रहे नुकसान और पर्यावरण में हो रहे बदलावों के बीच ओज़ोन दिवस की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि ओज़ोन परत की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण संगठनों, सरकारों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोग ओज़ोन परत के महत्व को समझें और इसे सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाएँ।
पर्यावरण व वन संरक्षण और जलवायु के अनुकूल जीवन शैली हम सभी की व्यक्तिगत तथा सामूहिक जिम्मेदारी है।
आइए, आज 'विश्व ओजोन दिवस' पर 'सुरक्षित भविष्य-सुरक्षित पृथ्वी' के लिए 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल' के मंत्र के साथ 'प्राकृतिक कवच' ओजोन परत की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करते रहने का… pic.twitter.com/znxO9OwB6b
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 16, 2024