सर्दियों में रोज पिएं आंवला की चाय, कम वर्कआउट के बाद भी घटेगा वजन।

Gaurav Sharma
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हेलथ, डेस्क रिपोर्ट। सर्दियों का एक बड़ा नुकसान ये है कि इस ठंडे मौसम में वजन बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. इसकी कई अलग अलग वजह हो सकती हैं। एक तो सर्दी में बार बार कुछ न कुछ खाने का मन होता है, दूसरा लिहाफ या जैकेट की गर्माहट मिले तो वर्कआउट पर भी आलस हावी हो जाता है। हालांकि कुछ लोग अपनी सेहत के लिए संजीदा रहते हैं, जबकि कईयों के लिए सर्दियों में ये काम सबसे मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ती है किसी ऐसी चीज की जो उनकी वेट लॉस की जर्नी को कायम रख सकें।

आंवला टी यानि कि आंवला की चाय इसके लिए अच्छा विकल्प हो सकती है। वैसे भी आंवला सर्दियों भर अच्छी मात्रा में उपलब्ध रहता है, सिर्फ वेटलॉस ही नहीं आंवले में और भी बहुत से गुण हैं जिनका फायदा उठाया जा सकता है।

कैसे बनाएं आंवला टी?

चाय बनाने के लिए या तो आंवला किस लें या फिर आंवले को सुखा कर उसका पाउडर बनाकर रख लें। जब भी चाय पीना हो, पानी उबलने रखें, उबाल आने पर उसमें अदरक, तुलसी के पत्ते और आंवला पाउडर डालें, चाहें तो एक चुटकी काली मिर्च भी डाल सकते हैं। कुछ देर इन्हें पानी में उबलने दें। पीने से पहले चाय को छान लें। काली मिर्च की जगह कभी कभी जीरे का भी उपयोग कर सकते हैं।

कैसे असर करेगी चाय?

आंवले में मौजूद तत्व मेटाबॉलिज्म को दुरूस्त रखते हैं। इसमें मौजूद फाइबर्स डाइजेशन भी ठीक करते हैं साथ ही कब्ज को भी दूर रखते हैं। ये गुड बैक्टीरियाज को भी बढ़ाता है। नियमित रूप से आंवला टी पीने से बॉडी डिटोक्स भी होती है।

आंवला ही क्यों?

आंवले में मौजूद गुणों से सभी वाकिफ हैं। आयुर्वेद भी आंवले की ताकत को मान ही चुका है जिसके मुताबिक ये वात और पित्त दोनों की समस्या को काफी हद तक कम करता है। आंवले के इन्हीं गुणों के चलते आयुर्वेद की कई दवाओं में भी उसका इस्तेमाल होता है। वैसे आंवले की तासीर ठंडी मानी जाती है, इसके बावजूद ये सर्दी खांसी में राहत देने वाला माना जाता है।

विटामिन सी से भरपूर

आंवले में भारी मात्रा में विटामिन सी होता है, संतरे से अगर इसकी तुलना की जाए तो आंवले में मौजूद विटामिन सी एक संतरे से आठ गुना ज्यादा होता है. एंटीऑक्सीडेंट्स भी संतरे के मुकाबले में कहीं ज्यादा होते हैं, कैल्शियम की भी ये अच्छा स्त्रोत है।

आंवले के अन्य फायदे

आंवला कई और मायनों में भी फायदेमंद है.

  • आंवले के सेवन से काफी हद तक शुगर पर कंट्रोल रखा जा सकता है.
  • आंवले का पाउडर शक्कर में मिलाकर खाने या पीने से एसिडीटी से भी राहत मिलती है. आंवले का जूस भी समान असर दिखाता है.
  • आयुर्वेद के मुताबिक पथरी की समस्या होने पर भी आंवले का जूस फायदेमंद होता है. आंवला और मूली का रस मिलाकर पीने से पथरी गलने का दावा भी किया जाता है.
  • आंवला रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में भी सहायक है. इसके रोज नियमित सेवन से एनिमिया को दूर किया जा सकता है.
  • आंखों के लिए भी आंवला काफी फायदेमंद है. शहद और आंवला साथ लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है. मोतियाबिंद का खतरा भी कम होता है.
  • आंवले में मौजूद विटामिन सी त्वचा और बालों को चमकदार बनाता है. इसके पाउडर से बाल धोने से भी फायदा होता है.

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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