कहीं आप भी तो नहीं जूझ रहे पॉपकॉर्न ब्रेन से, दिमाग के लिये खतरनाक है ये बीमारी

सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोग जरूरत से ज्यादा करने लगे है। जिस वजह से ये कई बीमारियों की वजह भी बन गई है। उनमें से ही एक है पॉपकॉर्न ब्रेन समस्या।

Saumya Srivastava
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Popcorn Brain : अक्सर टीवी देखते समय हम हर मिनट पर चैनल बदल कर देखने के आदी हो गए हैं। ऐसा ही हम सब मोबाइल इस्तेमाल समय भी करते है। मोबाइल पर भी हम सब एक पेज पर फोकस नहीं कर पाते है। हमारा दिमाग बार बार दूसरी चीजों की तरफ भागता है। सोशल मीडिया के इस समय में जहां हमारा ज्यादातर समय फेसबुक, इंस्टा देखने में बीतता है। वहीं अब इन यूजर्स में नई-नई बीमारियां देखने को मिल रही हैं। जिनमें से एक है पॉपकॉर्न ब्रेन। जी हां सोशल मीडिया यूजर्स में पॉपकॉर्न ब्रेन की समस्या देखी गई है। आइए जानते है क्या होता है पॉपकॉर्न ब्रेन? कहीं आप भी तो इसके शिकार नहीं हो रहे।

क्या है पॉपकॉर्न ब्रेन

आपने पॉपकॉर्न को तो उछलते हुये देखा होगा। ठीक उसी तरह हमारा दिमाग भी है। जो उछल उछल कर हर दूसरी तीसरी चीज को देखने के लिए भागता है। पॉपकॉर्न ब्रेन एक तरह का सिंड्रोम है जिसमें दिमाग स्थिर ना होकर बस कुछ नया देखने और जानने के लिए इधर उधर भागता रहता है। ऐसे में हमारा दिमाग जरूरी चीजों पर फोकस कर पाने में नाकाम हो जाता है। पॉपकॉर्न ब्रेन सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

मनोविज्ञान टर्म है पॉपकॉर्न ब्रेन

दरअसल पॉपकॉर्न ब्रेन एक मनोविज्ञान का टर्म है। जिसे साल 2011 में यूडब्ल्यू आई स्कूल के शोधकर्ताओं ने दिया था। इस बीमारी में हमारा दिमाग डिजिटल दुनिया की तरह मल्टीटास्किंग और स्क्रॉलिंग का आदी हो जाता है। साथ ही दिमाग काम करने के दौरान वैसे ही रियेक्ट करता है।

सेहत पर पड़ता है निगेटिव इफैक्ट

पॉपकॉर्न ब्रेन में हम किसी भी काम को ठीक से नहीं कर पाते है। वजह दिमाग का एक जगह फोकस ना होना होता है। ये बीमारी हमारे सेहत के लिए खतरा बन सकती है। पॉपकॉर्न ब्रेन होने पर कई लोगों में एंग्जायटी की भी परेशानी देखने को मिली है। वहीं इस बीमारी का असर हमारे इमोशन पर भी असर पड़ता है। समय पर इलाज ना होने पर ये हमारे लर्निंग और मेमोरी पर भी असर डाल सकती है।

जानें बचने के उपाय

पॉपकॉर्न ब्रेन से बचने के लिए मल्टीटास्किंग की जगह सिंगलटास्किंग पर फोकस करें। यानी एक समय पर एक ही काम करें। इसके साथ समय-समय पर डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाकर रखें। खुद के लिए समय निकाले। रोजाना कम से कम 10 मिनट तक मेडिटेशन करके अपने फोकस को बेहतर करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Saumya Srivastava

Saumya Srivastava

पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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