Yellow Tongue Causes : आमतौर पर इंसान की जीव लाल या हल्की पिंक होती है, लेकिन कुछ लोगों की जीभ का रंग पीला भी होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय को अपनाते हैं। कई बार लोगों को ऐसा लगता है कि साफ-सफाई की कमी के कारण उनकी जीभ पीली पड़ गई है, लेकिन यह सोचना बहुत गलत है। दरअसल, पीली जीभ हो जाने के पीछे कई सारी वजहें होती है जो परेशानियों की ओर इशारा कर रही होती है।
बता दें कि पिंक कलर की जीभ स्वस्थ होने का संकेत है तो वहीं पीली जीभ शरीर में कई प्रकार की गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करती है। यदि आप उन समस्याओं से अनजान है, तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको पीली जीभ के कई कारण बताते हैं, जिससे आप सतर्क हो जाएंगे और इस ओर ध्यान देंगे…
जानें वजह
- जीभ पीला होने की वजह पीलिया हो सकता है जोकि लीवर में सूजन के कारण बिलीरुबिन नामक एक पिगमेंट का अधिशेष शरीर के कई हिस्सों में जमा हो जाता है, जिससे त्वचा और मुंह का रंग पीला पड़ जाता है। इस बीमारी में जीभ का रंग भी पीला हो जाता है क्योंकि जीभ भी एक प्रकार की मांसपेशी है। हालांकि, जब बिलीरुबिन का स्तर नॉर्मल हो जाता है, तो जीभ का रंग सामान्य हो जाता है।
- मुंह सूखने की समस्या के कारण जीभ पीला हो जाता है। दरअसल, डायबिटीज और कीमोथेरेपी के चलते मुंह सूखने की समस्या बढ़ जाती है, जिससे जीभ का रंग पीला पड़ जाता है। इससे बचाव के लिए आपको रोजाना कम-से-कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए।
- जीभ का रंग बदलने की वजह में विभिन्न प्रकार की दवाओं का सेवन भी होता है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एंटीमलेरियल ड्रग्स, ओरल कॉन्ट्रेसेप्टिव्स और एचआईवी ड्रग्स के उपयोग से भी जीभ का रंग पीला हो जाता है। दरअसल, इन दवाओं का सेवन शरीर के हार्मोनल और रसायनिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है।
- जीभ पर फंगल इंफेक्शन के कारण इसका रंग परिवर्तित हो जाता है। बता दें कि ओरल थ्रुश इंफेक्शन के कारण जीभ पर व्हाइट और पीले रंग के पैचेज दिख सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
- दिन में 2 बार दांतों की सफाई करें।
- धूम्रपान के अधिक सेवन से जीभ में जलन और रंग पीला पड़ जाता है, इसलिए इससे बचना बेहद जरूरी है।
- डाइट में बदलाव करने से भी पीली जीभ की समस्या को कम हो सकती है।
- हाइड्रोजन पेरोक्साइड से कुल्ला करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)