Eye Care : तकनीक के विकास ने हमारी जीवनशैली को काफी बदल दिया है। तकनीकी उपकरणों का उपयोग करने से हमें कई सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। इसका सीधा असर आंखों पर देखने को मिलता है। यदि आप भी घंटों मोबाइल, लैपटॉप पर काम करते हैं तो यह आपके आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। दरअसल, दिन-रात फोन और लैपटॉप की स्क्रीन देखते रहने के कारण आंखों पर इसका काफी गहरा असर देखने को मिल रहा है। जिस कारण आगे चलकर आंखों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है, जिससे बचने के लिए आज के आर्टिकल में हम आपको कुछ उपाय बताएंगे। उन्हें अपनाकर आप अपनी आंखों का ख्याल रख सकते हैं।

अपनाएं ये टिप्स
- यदि आप कंप्यूटर, लैपटॉप या फोन की स्क्रीन को देख रहे हैं, तो काम करते वक्त आंखों को थोड़ा आराम दें। यदि आप कंटिन्यू स्क्रीन को देखते ही जा रहे हैं, तो आपके तक जाती है। बता दें कि ऐसा करने से आई स्ट्रेन की समस्या हो सकती है। इसे दूर करने के लिए आप अपनी आंखों को थोड़ी-थोड़ी देर पर ब्रेक देते रहें। इसके लिए आपको केवल कुछ देर के लिए आंख बंद करके बैठना।
- स्क्रीन पर ज्यादा देर तक एकटक होकर ना देखें। बार-बार अपनी पलकों को झटका क्योंकि कंटिन्यू सिस्टम पर काम करने से आंखें ड्राई हो जाती है। जिस कारण इसमें इचिंग जैसी समस्या होने लगती है। बता दें कि बार-बार पलके झपकाने से आंखों को नमी मिलती है, जिससे आपकी आंखें खराब नहीं होगी।
- आप आंखों की समस्या से बचने के लिए एंटी-ग्लेयर स्क्रीन या ग्लासेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कंप्यूटर या लैपटॉप या फिर मोबाइल से निकलने वाली रेस सीधे हमारे आंखों पर नहीं पड़ती।
- स्क्रीन की ब्राइटनेस का असर भी आंखों पर काफी ज्यादा देखने को मिलता है। कुछ लोगों को कम ब्राइटनेस में देखने में तकलीफ होती है, तो कुछ लोगों को ज्यादा ब्राइटनेस में देखने में दिक्कत आती है। इसलिए अपने स्क्रीन की ब्राइटनेस को मैनेज करें। रात के समय नाइट मॉड का इस्तेमाल करें, ताकि आंखों पर ज्यादा रोशनी ना पड़े।
- कंप्यूटर लैपटॉप या फिर फोन को आंखों के ज्यादा नजदीक न रखें, क्योंकि इससे आंखों पर इसका गहरा असर देखने को मिलता है। जिसके कारण आंखों में दर्द और रेडनेस की समस्या हो जाती है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)