सावधान! जूठा खाना खाने से प्यार नहीं, बढ़ सकती हैं ये बीमारियां

Health: सावधान रहें! जूठा खाना खाने से प्यार तो नहीं बढ़ता, बल्कि इससे आपको कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। इससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन, फूड.....

भावना चौबे
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Health: भारत में रहने वाले लोग अक्सर झूठा खाना खाने को अक्सर प्यार और स्नेह का प्रतीक मानते हैं। परिवार के सदस्यों या दोस्तों के बीच एक दूसरे का झूठा खाना साझा करना भावनात्मक जुड़ाव की निशानी समझी जाती है। वहीं कई अन्य देशों में झूठा खाने से लोग परहेज करते हैं।

क्या आपको भी ऐसा लगता है कि झूठा खाना खाने से प्यार बढ़ता है। अगर आप ऐसा मानते हैं तो आप गलत नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से यह आदत नुकसानदायक हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार झूठा खाना खाने से बैक्टीरिया और वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है इसलिए प्यार जताने के अन्य सुरक्षित तरीकों को अपनाना चाहिए।

एलर्जी जैसी समस्याएं

दूसरे का झूठा खाना खाने से एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है। जब कोई व्यक्ति खाना खाता है तो उसके खाने में लार मिल जाती है और अगर दूसरा व्यक्ति भी वही खाना खाता है, तो इस लार के कारण एलर्जी का संक्रमण फैल सकता है। इससे मुंह में अल्सर या जीभ पर छाले बनने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में झूठा खाना खाने से परहेज करना बेहतर होता है।

बैक्टीरियल इन्फेक्शन

जब कभी भी आप दूसरों का झूठा खाना खाते हैं, तो उसके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और कीटाणु आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जिससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इसके परिणाम स्वरुप गले में खराश, बुखार और अन्य संक्रमण हो सकते हैं। इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए झूठा खाना खाने से परहेज करना चाहिए।

सर्दी या फ्लू जैसी समस्या

अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही सर्दी या फ्लू जैसी समस्या है तो उसका झूठ कभी नहीं खाना चाहिए। उसके शरीर में मौजूद वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इस कारण आपको भी सर्दी, खांसी और फ्लू की शिकायत हो सकती है। इसलिए हमेशा कोशिश करें कि झूठा खाना ना खाएं।

डायरिया, फूड प्वाइजनिंग

झूठा खाना खाने से डायरिया, फूड प्वाइजनिंग जैसी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। अगर सामने वाले व्यक्ति की मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, तो यह बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और आपका पाचन तंत्र खराब कर सकते हैं। इसके परिणाम स्वरुप पेट में संक्रमण हो सकता है जिससे आपको डायरिया, उल्टी और फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियां हो सकती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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