8th Pay Commission: फरवरी में केन्द्र की मोदी सरकार अपना अगला बजट 2025-26 पेश करेगी, ऐसे में हर वर्ग को कुछ ना कुछ मिलने की उम्मीद है। इसी बीच केन्द्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर वृद्धि और 8वें वेतन आयोग के गठन की भी चर्चा तेज हो चली है। आखिरी बार केन्द्र सरकार ने 2016 में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया था और इसी साल से 7th pay commission को भी लागू किया गया था।
अगर मोदी सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग का गठन के साथ फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 किया जाता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी यानि सैलरी में करीब 3 गुने तक का इजाफा देखने को मिलेगा।इधर, बजट से पहले सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हैं कि कब वे आयोग की घोषणा करेंगे जो सैलरी पेंशन में इजाफे को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा और इसके बाद नए वेतन आयोग पर फैसला होगा।
Budget से पहले 8th Pay Commission की चर्चा क्यों?
- आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई, जिसका समय 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा, इस आधार पर अब अगले वेतन आयोग की मांग उठने लगी है।
- अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो सरकारी कर्मचारियों की 186 फीसदी यानि 51480 तक बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी, वही पेंशनभोगियों की पेंशन में भी बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
Fitment Factor बढ़ने पर न्यूनतम वेतन में होगी वृद्धि
- मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2025-26 में अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो फिटमेंट फैक्टर में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और बेसिक सैलरी 18000 है।
- माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86% कर सकती है।इससे सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 186 प्रतिशत बढ़कर 51,480 रुपए हो जाएगा और पेंशन में भी 186 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो मौजूदा पेंशन 9,000 रुपए से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी।हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।