Neemuch News : मध्य प्रदेश के नीमच जिले की सिंगोली के नवीन बस स्टैंड पर स्थित करोड़ों रुपए मूल्य की सरकारी भूमि (सर्वे क्रमांक 439/1) पर हो रहे अवैध निर्माण और नामांतरण को खारिज करने की मांग को लेकर पार्षदों और आमजन ने नगर परिषद सिंगोली के सीएमओ को आवेदन सौंपा है। इसमें अवैध दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृत निर्माण और नामांतरण को निरस्त करने की अपील की गई है।
क्या है पूरा मामला?
आवेदन में उल्लेख किया गया कि मृतक महावीर कुमार जैन (पिता पाथूलाल जैन, ग्राम डाबी, राजस्थान) के नाम का नामांतरण नगर परिषद सिंगोली द्वारा केसर बाई के पक्ष में किया गया। यह नामांतरण विवादित शासकीय भूमि पर स्वीकृत किया गया था, जिसे आवेदनकर्ताओं ने पूर्णतया नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त करने की मांग की है।
इससे पहले महावीर कुमार जैन ने इस भूमि को लेकर व्यवहार न्यायालय जावद में स्वामित्व और कब्जे के लिए सिविल वाद दायर किया था। हालांकि, अपीलीय न्यायालय ने 2010 में इस वाद को खारिज करते हुए भूमि को शासकीय घोषित कर दिया। 2014 में अंतिम निर्णय में भी उक्त भूमि को शासकीय माना गया और महावीर कुमार के स्वामित्व के दावे को खारिज कर दिया गया।
आवेदन में लगाए गए आरोप
पार्षदों और नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद सिंगोली ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मृतक महावीर कुमार के नाम का नामांतरण स्वीकृत किया, जो अवैध और प्रभावहीन है। इसके बाद इसी आधार पर निर्माण कार्य की अनुमति भी दी गई। आवेदन में इस निर्माण को तत्काल रोकने और नामांतरण को रद्द करने की मांग की गई है। जो पट्टा बताया जा रहा हे वह आवासीय हे तो सीएमओ अध्यक्ष ने व्यावसायिक निर्माण अनुमति कैसे जारी की।
सख्त चेतावनी
आवेदनकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि नामांतरण और निर्माण कार्य को निरस्त नहीं किया गया, तो न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी। इस पर आने वाले सभी खर्चों की जिम्मेदारी नगर परिषद सिंगोली और मुख्य नगर पालिका अधिकारी की होगी।
आवेदन में शामिल प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता
आवेदन पर नगर परिषद उपाध्यक्ष मोतीलाल धाकड़, पार्षद सुनील सोनी, पार्षद पारी बाई, पार्षद जीवन बलाई, पार्षद संतोष बाई सहित कई अन्य नागरिकों ने हस्ताक्षर किए।
क्या है अगला कदम?
इस प्रकरण को लेकर अब नगर परिषद सिंगोली की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। पार्षद और नागरिक इस भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य को रोकने और उचित न्यायिक निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट