शुगर के कई मरीज चाय में शक्कर की जगह गुड़ लेते हैं, वैसे गुड़ भी कई देसी मिठाइयों को बनाने में उपयोग होता है और जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल गुड़ का भी, शुगर पेशेंट के लिए ठीक नहीं है। गुड़ में पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 1, बी6 और सी प्लस भी होता है. गुड़ से डाइजेस्टिव सिस्टम भी अच्छा होता है।इसकी वजह है गुड़ में मौजूद भरपूर फाइबर्स।
शहद के फायदे
शहद में कोई एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर होते हैं, साथ ही ये एंटी इंफ्लेमेटरी भी होता है, इसलिए शुगर के मरीज शहत के सेवन से भी गुरेज नहीं करते हैं।
ब्लड शुगर के लिए गुड़
जिस तरह से शक्कर गन्ने से बनाई जाती है उसी तरह गुड़ भी गन्ने से ही बनती है, इसलिए ये समझना आसान है कि शक्कर और गुड़ दोनों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई ही होता है और, शुगर पेशेंट्स को ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें खाना मना होता है। शुगर पेशेंट्स को हमेशा लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें खाने की सलाह दी जाती है।
ब्लड शुगर के लिए शहद
शहद की मिठास नेचुरल मिठास है, इसलिए इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स शक्कर से कम होता है। शहद की वजह से शरीर में इंसुलिन का लेवल भी बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल काबू में रहता है।हालांकि ज्यादा शहद के सेवन से शुगर बढ़ भी सकती है।
क्या है बेहतर?
गुड़ और शहद में अलग अलग तरह के गुण होते हैं, लेकिन ग्लाइसेमिक इंडेक्स का अंतर शहद को शुगर पेशेंट के लिए ज्यादा बेहतर बनाता है, हालांकि शुगर पेशेंट को हर तरह के मीठे का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए।