क्या आप भी रातभर करवटें बदलते रहते हैं, नहीं आती है नींद ? ये हो सकती हैं वजहें

Health: क्या आप भी रातभर करवटें बदलते रहते हैं और नींद नहीं आती? इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे तनाव, अनियमित दिनचर्या, या कमरे का असुविधाजनक वातावरण।

भावना चौबे
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Health: नींद हमारे शरीर के लिए उतनी ही जरूरी है जितना खाना या पीना हमारे शरीर के लिए जरूरी है। डॉक्टर के मुताबिक रोजाना हर व्यक्ति को 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। लेकिन आजकल की व्यस्त भरी जिंदगी में लोग प्रॉपर नींद नहीं ले पाते हैं।

कई लोगों को नींद ना आने की शिकायत रहती है। चाहे कितने भी थके हो बिस्तर पर जाने के बाद नींद ना आना एक आम समस्या बन गई है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे तनाव, खराब खानपान या फिर किसी बीमारी का होना। चलिए आज हम इस आर्टिकल के जरिए विस्तार से समझते हैं कि आखिर नींद न आने के क्या-क्या कारण है और किन उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है।

नींद न आने के कारण

कैफीन का सेवन

सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन का सेवन करना नींद को बाधित कर सकता है। कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो हमारे शरीर को अलर्ट और सक्रिय रखता है। कॉफी, चाय, केला और कई अन्य पेय पदार्थों में कैफीन पाया जाता है। जब हम सोने से पहले कैफीन का सेवन करते हैं तो नींद आने में कठिनाई महसूस होती है।

तनाव

तनाव नींद की सबसे बड़ी बढ़ाओ में से एक है। जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो हमारे मन में नकारात्मक विचारों का बवंडर उठना है जो नींद को बाधित करता है। इसके अलावा तनाव के कारण हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन हमें सतर्क और अलर्ट रखने में मदद करता है। जिस वजह से चाहते हुए भी नींद नहीं लग पाती है।

कमरे का तापमान और वातावरण

इसके अलावा नींद समय पर ना आने का एक और प्रमुख कारण है कमरे का तापमान और वातावरण। जी हां, जिस स्थान पर हम सोते हैं वह आरामदायक और शांत होना चाहिए। अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां बाहरी शोर जैसे गाड़ियों की आवाजे आती हैं या फिर कमरे में अत्यधिक गर्मी है तो आपको काफी समय तक नींद ना आने की समस्या हो सकती है। गर्म मौसम में अत्यधिक गर्मी या ठंड के मौसम में अत्यधिक ठंडी लगना नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसलिए बेहतर नींद के लिए कमरे का तापमान और वातावरण अनुकूल रहना बेहद जरूरी है।

भारी भोजन करना

सोने से ठीक पहले भारी भोजन करना नींद को प्रभावित कर सकता है। अधिक मात्रा में भोजन करने से पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ जाता है जिससे पाचन धीमा हो जाता है। इस वजह से बेचैनी, डकार और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती है। यह सारी समस्याएं नींद को बाधित कर देती है और नींद की गुणवत्ता को कम कर सकती है। बेहतर नींद के लिए सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले हल्का भोजन करना चाहिए।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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